- टीम इंडिया का चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में रिकॉर्ड शानदार रहा है
- टीम इंडिया ने सबसे ज्यादा 14 टेस्ट चेन्नई में ही जीते हैं
- टीम इंडिया ने 22 साल में चेन्नई में एक भी टेस्ट नहीं गंवाया है
नई दिल्ली: टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में मैदान फतह करके बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से अपने नाम की। अब विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज की तैयारी में जुटी है। भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला 5 फरवरी को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला जाएगा। टीम इंडिया का चेन्नई के एमए चिदंबरम यानी चेपॉक स्टेडियम में रिकॉर्ड बेमिसाल है। भारतीय टीम यहां 22 साल से एक भी मुकाबला नहीं हारी है।
टीम इंडिया को आखिरी बार चिर-प्रतिद्वंद्वि पाकिस्तान के हाथों 1999 में इस मैदान पर 12 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इसके बाद से टीम इंडिया ने चेन्नई में 8 टेस्ट खेले, जिसमें से पांच जीते जबकि तीन टेस्ट ड्रॉ रहे। भारतीय टीम ने इस मैदान पर कुल 32 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से 14 टेस्ट जीते, 11 ड्रॉ रहे, 6 में हार व एक टाई रहा है।
पहली टेस्ट जीत
टीम इंडिया ने अपने टेस्ट इतिहास की पहली जीत चेपॉक में ही दर्ज की थी। 1952 में विजय हजारे की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को एक पारी और 8 रन के अंतर से मात दी थी। इस मैच में पॉली उमरीगर (130) और पंकज रॉय (111) ने शतक जमाए थे। वीनू मांकड ने मुकाबले में कुल 12 विकेट चटकाए थे। इंग्लैंड की पहली पारी में मांकड ने 8 विकेट झटके थे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टाई
टीम इंडिया ने अपने टेस्ट इतिहास का एकमात्र टाई मुकाबला भी इसी स्टेडियम में खेला है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया ने 1986 में चेन्नई में टाई मैच खेला था।
18-22 सिंतबर 1986 के बीच खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और 574/7 के स्कोर पर पहली पारी घोषित की। जवाब में भारत की पहली पारी 397 रन पर ऑलआउट हुई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 177 रन की बढ़त मिली। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 170/5 के स्कोर पर घोषित करते हुए भारत को 348 रन का लक्ष्य दिया। भारत की दूसरी पारी 86.5 ओवर में 347 रन पर ऑलआउट हुई। इस तरह यह मुकाबला टाई पर समाप्त हुआ।
1985 के बाद नहीं जीता इंग्लैंड
भारत के दौरे पर आनी वाली इंग्लैंड की टीम इस बात से चिंतित रहेगी कि चेन्नई में उसने आखिरी टेस्ट 1985 में जीता था। इसके बाद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ जीत की हैट्रिक लगाई और 2008 में अपने टेस्ट इतिहास के दूसरे सबसे बड़े लक्ष्य का सफल पीछा किया। भारत ने 2008 में 387 रन का लक्ष्य चार विकेट खोकर हासिल किया था। तब महान सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 103 और युवराज सिंह ने नाबाद 85 रन बनाए थे। टीम इंडिया ने 1993, 2008 और 2016 में इंग्लैंड को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में मात दी।