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नवाब पटौदी ने अपनी दायीं आंख खो दी थी, फिर भी नहीं टूटा हौसला, 21 की उम्र में बन गए टीम इंडिया के कप्तान

Updated Aug 03, 2022 | 17:22 IST

नवाब मंसूर अली खान पटौदी अपनी रियासत के नौवें नवाब थे, जिन्हें टाइगर के नाम से भी पुकारा जाता था। उन्होंने मुश्किल रास्तों पर चलकर अपनी एक नई पहचान कायम की।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Mansoor Ali Khan
मुख्य बातें
  • किसी फिल्म से कम नहीं है टाइगर पटौदी की कहानी
  • ऑक्सफोर्ड के लिए खेलने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर
  • 21 साल की उम्र में बने भारतीय टीम के कैप्टन

भोपाल के नवाब खानदान में पैदा होने वाले मंसूर अली खान ने अपने खेल को भी नवाबी तरीके से ही खेलने की ठान ली थी। उन्होंने भारतीय टीम को मजबूत बनाने में बड़ा योगदान दिया है। नवाब मंसूर अली खान पटौदी अपनी रियासत के नौवें नवाब थे, जिन्हें टाइगर के नाम से भी पुकारा जाता था। देखा जाए तो हर फील्ड में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो मुश्किल रास्तों पर चलकर अपनी एक नई पहचान कायम करते हैं। ऐसी ही कहानी इस खिलाड़ी की भी रही है, जिसने अपनी कमजोरी को ही अपना ताकत बना लिया और जबरदस्त शोहरत हासिल की।

मंसूर अली खान को भारत के सबसे बेहतर कप्तान के रूप में जाना जाता है। टाइगर सीधे हाथ से बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते थे। उनकी लाइफ और करियर का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। टाइगर ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी थे , जिन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिए मैच खेला था। वे अपने 46 मैचों में से 40 मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। 

कार एक्सिडेंट में खो दी एक आंख 

मंसूर अली ने जुलाई 1961 में एक कार एक्सिडेंट में अपनी दायीं आंख खो दी, जिसके बाद उनके करियर पर खतरा मंडराने लगा था। फिर भी टाइगर का हौसला नहीं टूटा और उन्होंने एक आंख के साथ ही बेहतर खेलने का मन बना लिया। पटौदी ने इस हादसे के 6 महीने बाद ही इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की, जिसमें उन्होंने 103 रन जड़े और पहली सीरीज भारत के नाम कर दी। तीन टेस्ट मुकाबलों के बाद उन्हें कप्तान के रूप में चुना गया। इस तरह टाइगर पटौदी 21 साल की उम्र में ही टीम इंडिया के कप्तान बन गए थे।

विरासत में मिला क्रिकेट

पटौदी जूनियर को अपने पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी से क्रिकेट का प्यार विरासत में मिला। उनके पिता भी मशहूर क्रिकेटर थे, जिन्होंने युद्ध से पहले इंग्लैंड के लिए तीन टेस्ट खेले थे। उनके 11 वें जन्मदिन पर उनके पिता की पोलो खेलते समय मृत्यु हो गई। 

लव स्टोरी 

मंसूर अली खान पटौदी का क्रिकेट करियर तो रोमांच से भरा था ही लेकिन उनकी लव लाइफ भी बड़ी शानदार थी। उनके और लेजेंडरी एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर के प्रेम के किस्से भी उन दिनों खबरों का हिस्सा बने रहे। टाइगर पटौदी पहली ही मुलाकात में शर्मिला पर अपना दिल हार बैठे थे लेकिन उन्हें शादी के लिए राजी करना इतना आसान नहीं था। शर्मिला ने इसके लिए एक शर्त रखते हुए कहा कि अगर पटौदी ने मैच में लगातार तीन छक्के लगा दिए तो वो हां कर देंगी। संयोग कहें या प्यार, इस शानदार खिलाड़ी ने तीन लगातार छक्के लगाए जिसके चलते शर्मिला ने उन्हें हां कर दी और वो नवाब खानदान की बेगम बन गईं।

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