- टीम इंडिया ने चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को एक पारी और 25 रन से मात दी
- टीम इंडिया ने सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए सीरीज जीती
- टीम इंडिया ने इंग्लैंड को चार मैचों की सीरीज में 3-1 से मात दी
अहमदाबाद: भारत ने शनिवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इंग्लैंड को चौथे टेस्ट में एक पारी और 25 रनों से हराया। भारत इस जीत से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गया है जहां उसका सामना न्यूजीलैंड से होगा। फाइनल मुकाबला इस साल 18 से 22 जून तक इंग्लैंड के लॉर्डस मैदान पर खेला जाएगा। इस सीरीज का पहला टेस्ट चेन्नई में खेला गया था, जिसे जीतकर इंग्लैंड ने 1-0 की लीड ले ली थी लेकिन भारत ने चेन्नई में ही खेले गए दूसरा टेस्ट मैच जीतते हुए बराबरी कर ली थी।
इसके बाद भारत ने अहदाबाद का रुख किया था और दिन-रात के टेस्ट में इंग्लैंड को हराकर 2-1 की लीड बना ली थी। अब भारत ने एक और जीत के साथ सीरीज भी अपने नाम किया और साथ ही साथ टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में स्थान पक्का किया। इस सीरीज के अलावा पांच ऐसे मौके आए हैं जब भारत ने तीन या उससे अधिक मैचों की सीरीज का पहला मैच गंवाने के बाद सीरीज कब्जाई है।
पहला वाक्या 1972-73 सत्र का है जब इंग्लैंड के ही खिलाफ भारत ने पांच मैचों सीरीज का पहला मैच गंवाने के बाद सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। इसके बाद साल 2000-01 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह कारनामा किया। तीन मैचों की सीरीज में भारत ने पहला मैच गंवाया था और इसके बाद लगातार दो जीत के साथ सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली थी।
साल 2015 में भी इसी तरह की एक घटना हुई थी जब भारत ने श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। उस सीरीज में भी भारत पहला मैच हार गया था। इसके बाद भारतीय टीम ने 2016-17 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी। इस सीरीज में भी भारत पहला मैच हार गया था।
इस सीजन में भारत ने दूसरी बार यह कारनामा किया है। उसने जनवरी में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में चार मैचों की सीरीज में 2-1 से हराया था। यह वही सीरीज है, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने एडिलेड में खेला गया पहला टेस्ट गंवाने के बाद मेलबर्न टेस्ट में जीत हासिल की थी और फिर सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराया था। इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए ब्रिस्बेन के गाबा में शानदार जीत के साथ सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी।