- IPL 2022 से दो नई टीम जुड़ने जा रही हैं
- नई टीमों की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है
- बीसीसीआई को तगड़ी कमाई की उम्मीद है
दुबई: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को सोमवार से यहां इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की दो नई टीमों की नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रत्येक फ्रेंचाइजी से 7000 करोड़ रुपए से 10,000 करोड़ रुपए तक मिलने की उम्मीद है। अभी हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि बीसीसीआई नीलामी की बोली का तकनीकी मूल्यांकन करने के बाद सोमवार को ही सफल बोली लगाने वालों की घोषणा करेगा या नहीं। ऐसी 22 कंपनियां हैं, जिन्होंने 10 लाख रुपए के निविदा (टेंडर) दस्तावेज लिए हैं। नई टीमों के लिए आधार मूल्य 2000 करोड़ रुपए रखा गया है। ऐसे में केवल पांच से छह गंभीर बोली लगाने वालों के होने की उम्मीद है।
अडानी समूह से बोली लगाने की उम्मीद
बीसीसीआई फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने के लिए तीन कंपनियों/व्यक्तियों के कॉन्सॉर्टियम (समूह) को भी अनुमति दे रहा है। इस नीलामी में बोली लगाने वाले किसी व्यक्ति या कंपनी के मामले में, उस विशेष इकाई का वार्षिक कारोबार न्यूनतम 3,000 करोड़ रुपए होना चाहिए और कॉन्सॉर्टियम के मामले में तीनों संस्थाओं में प्रत्येक का वार्षिक कारोबार 2,500 करोड़ रुपए होना चाहिए। ऐसे में भारत के सबसे अमीर लोगों में शामिल गौतम अडानी और उनके अडानी समूह से अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने की उम्मीद है। अडानी समूह अगर बोली लगाता है तो उसके नई फ्रेंचाइजी के मालिक बनने की संभावना अधिक होगी।
आरपीएसजी समूह भी लगा सकता है बोली
इसी तरह, अरबपति संजीव गोयनका के आरपीएसजी समूह को भी एक नई फ्रेंचाइजी के लिए गंभीर बोली लगाने वाला माना जा रहा है। यह हालांकि अभी साफ नहीं है कि आरपीएसजी कॉन्सॉर्टियम के हिस्से के रूप में बोली लागायेगा या व्यक्तिगत तौर पर इसमें शामिल होगा। इस मामले की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘गौतम अडानी और संजीव गोयनका भारतीय उद्योग में सबसे बड़े नाम हैं। वे गंभीर बोली लगाने वाले होंगे। संभावित बोली लगाने वालों से 3,500 करोड़ रुपए की न्यूनतम बोली की उम्मीद है। यह मत भूलिये कि आईपीएल प्रसारण अधिकार से लगभग पांच बिलियन डॉलर (36,000 करोड़ रुपए) मिलने का अनुमान है।’
उन्होंने बताया, ‘इसमें अर्थशास्त्र उसी के अनुसार काम करेगा क्योंकि फ्रेंचाइजी को टीवी राजस्व का हिस्सा समान रूप से मिलता है।’ गोयनका दो साल के लिए पुणे फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स (आरपीएस) के मालिक रहे हैं और वह आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) फ्रेंचाइजी एटीके मोहन बागान के मालिक भी हैं। ऐसी चर्चा है कि मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक अवराम ग्लेजर के स्वामित्व वाले लांसर समूह ने भी बोली दस्तावेज लिया है। इस दौड़ में कोटक समूह, फार्मास्युटिकल (दवा बनाने वाली कंपनी) प्रमुख अरबिंदो फार्मा और टोरेंट समूह शामिल हैं।
इन शहरों का दावा सबसे मजबूत
जहां तक शहरों का सवाल है तो अहमदाबाद और लखनऊ का दावा मजबूत नजर आ रहा है। अहमदाबाद के पास मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की क्षमता 100,000 से अधिक है जबकि लखनऊ के इकाना स्टेडियम की क्षमता लगभग 70,000 है। इस दौड़ में हालांकि इंदौर, गुवाहाटी, कटक, धर्मशाला और पुणे जैसे बेहतर क्रिकेट स्टेडियम वाले शहर भी शामिल हैं। इस बोली में भारत का एक पूर्व क्रिकेटर कॉन्सॉर्टियम में शामिल हो सकता हैं, जिसके नई फ्रेंचाइजी के लिए गंभीरता से बोली लगाने की उम्मीद है।
सूत्र ने कहा, ‘हां, भारत का एक पूर्व सलामी बल्लेबाज लगभग 300 करोड़ रुपए खर्च करने और कॉन्सॉर्टियम में अल्प हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार है। वह एक व्यापारिक परिवार से आते हैं और क्रिकेट टीम में निवेश करना चाहते हैं।’ बीसीसीआई सूत्र ने कहा, ‘वह अपने आप में एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी हैं और यह भी समझते हैं कि फ्रेंचाइजी कैसे काम करती है।’ बॉलीवुड की जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणबीर कपूर के कॉन्सॉर्टियम का हिस्सा होने के बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है लेकिन वह किसी नई फ्रेंचाइजी के अल्प हिस्सेदार या ब्रांड दूत हो सकते हैं।