- इरफान और यूसुफ पठान ने जरुरतमंदों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए
- पठान बंधुओं ने 10,000 किग्रा चावल और 700 किग्रा आलू दान दिए
- इससे पहले पठान बंधुओं ने चेहरे पर लगाने वाले मास्क दान किए थे
नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी के कारण देश लॉकडाउन से गुजर रहा है। भारत में 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बावजूद अब तक कोरोनावायरस के 3500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिसका अंत 14 अप्रैल को होना है। लॉकडाउन के कारण दैनिक भत्ते वाले मजदूर, गरीब और उनके परिवार मुसीबत से गुजर रहे हैं। वह खाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस कड़े समय में कई भारतीय क्रिकेटरों ने मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं और इसमें पठान बंधु भी जुड़ गए हैं। इरफान और यूसुफ ने इससे पहले चेहरे पर पहनने वाले मास्क दान किए थे, ताकि लोग इस गंभीर वायरस से खुद को सुरक्षित रख सकें।
इरफान और यूसुफ ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा, 'हम इस संकट की घड़ी में हर तरह से सरकार की मदद करने को तैयार हैं। अगले कुछ दिन महत्वपूर्ण हैं और हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वह अपने घर में रहे और अपनी सेहत का ध्यान रखें।'
इस बार पठान बंधुओं ने लोगों को भोजन सामग्री दान करने की ठानी है। इरफान पठान और यूसुफ ने बड़ौदा में गरीब और जरुरतमंदों को 10,000 किग्रा चावल व 700 किग्रा आलू दान देने का फैसला किया है। देश में लॉकडाउन के कारण कई लोग भोजन के लिए संघर्षरत हैं। ऐसे में पठान बंधुओं के इस संकल्प से लोगों को काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही दोनों भाई अपने फैंस और फॉलोअर्स को घर में रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं। इरफान ने अपने फैंस से कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है और इस समय गलत खबरों का प्रचार करने से बचे।
उन्होंने ट्वीट किया, 'इंसान का सबसे बड़ा खौफ मुस्तकबील (भविष्य) है। आज मैं जीना शुरू करू खौफ खुद ब खुद भाग जाएगा। चिंता करने की जरुरत नहीं। कोरोनावायरस के बारे में जागरूकता फैलाइए।'
क्रिकेटर्स कर रहे दान
इरफान और यूसुफ पठान के समान भारतीय क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी देश सेवा में जुटे हुए हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने हाल ही में 50 लाख रुपए गरीबों के लिए दान किए थे। उन्होंने कोलकाता के इस्कॉन सेंटर में भी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं। गांगुली की मदद से अब इस्कॉन सेंटर रोजाना 20,000 लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहा है।
इस्कॉन कोलकाता सेंटर के प्रवक्ता राधारमन दास ने कहा, 'इस्कॉन कोलकाता पहले रोजाना 10,000 लोगों को भोजन मुहैया करा रहा था। हमारे प्यारे सौरव दा ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए और उनकी मदद से हम अब रोजाना 20,000 लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।'