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इरफान पठान का खुलासा, जम्मू-कश्मीर का कोच बनने के लिए ठुकराए तीन बड़े प्रस्ताव 

Updated May 10, 2020 | 13:23 IST

भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान(Irfan Pathan) ने सुरेश रैना(Suresh Raina) के साथ इन्स्टाग्राम चैट के दौरान बड़ा खुलासा किया है कि जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम का कोच बनने के लिए उन्होंने ठुकराए थे तीन बड़े ऑफर।

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Irfan Pathan
मुख्य बातें
  • साल 2018 में इरफान पठान ने संभाला था जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम में कोच का पद
  • दो साल वो टीम के साथ जुड़े रहे और टीम के प्रदर्शन में बहुत सुधार हुआ
  • 2019 में जम्मू-कश्मीर की टीम रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी जिसमें कर्नाटक के खिलाफ उसे हार का सामना करना पड़ा

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान(Irfan Pathan) ने खुलासा किया है कि जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर क्रिकेट टीम(Jammu Kashmir Cricket Team) के मेंटोर सह कोच का पद संभाला था तब उनके पास तीन बड़े कॉन्ट्रैक्ट थे। इन कॉन्ट्रैक्ट के एवज में उन्हें मोटी रकम मिल रही थी लेकिन उन्होंने इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया था। 

इरफान पठान ने ये बात साथी खिलाड़ी रहे सुरेश रैना(Suresh Raina)  के साथ इन्स्टाग्राम चैट के दौरान कही। इस बारे में खुलासा उन्होंने रैना के जम्मू-कश्मीर टीम को कोचिंग देने के अनुभव के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए किया। पठान ने कहा, मुझे जब जम्मू-कश्मीर की टीम से जुड़ने का प्रस्ताव मिला तब मेरे पास तीन और बड़े ऑफर थे। एक प्रस्ताव को मैंने तुरंत खारिज कर दिया था। दूसरा ऑफर कैरेबियन प्रीमियर लीग( सीपीएल) से और तीसरा टी10 लीग से था। इसके लिए मुझे केवल संन्यास का ऐलान करना था। 

पठान ने आगे कहा, जम्मू-कश्मीर क्रिकेट की सेवा करने से बेहतर प्रस्ताव मेरे पास नहीं था। वहां के खिलाड़ियों को मेरी ज्यादा जरूरत थी। मैंने उनके साथ दिन रात कड़ा परिश्रम किया। मैंने देखा कि वहां लड़के कैनवास के जूते पहनकर टर्फ पर गेंदबाजी कर रहे थे। वो सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे।'

पठान की देखरेख में बढ़ा टीम की सफलता का ग्राफ
रैना ने कहा, दो साल के आपके कार्यकाल में जम्म-कश्मीर टीम की सफलता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया। मैं वहां खेला और मैनें राज्य स्तरीय क्रिकेट को फॉलो किया। जिस राज्य की सालों से अनदेखी हो रही थी आपको उसके लिए करता देखकर खुशी हुई। चेन्नई सुपर किंग्स के स्टार खिलाड़ी ने कहा, उन्होंने पठान के जम्मू-कश्मीर की टीम के साथ जुड़ने के बाद टीम के प्रदर्शन में व्यापक बदलाव खुद महसूस किया। एक मैच के दौरान टीम के अनुशासन और योजना से मैं बहुत प्रभावित हुआ। जिस करह से आपने टीम का सहयोग किया वो शानदार था। 

जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन ने साल 2018 में पठान को टीम में बतौर खिलाड़ी और मेंटोर शामिल किया था। इसके एक साल बाद उनके कार्यकाल को बढ़ाने का फैसला किया गया। 

ये खिलाड़ी लिखेंगे जम्मू-कश्मीर क्रिकेट की सफलता की कहानी
रैना के साथ चर्चा के दौरान पठान ने जम्मू-कश्मीर के उन खिलाड़ियों के नाम भी लिए जो आने वाले समय में महान खिलाड़ी बनकर उभरेंगे। उन्होंने कहा, यदि जम्मू-कश्मीर की क्रिकेट ने भविष्य में सफलता का स्वाद चखना है तो इसके लिए शुभम पुंडीर से बढ़िया कप्तान उन्हें नहीं मिल सकता। शुभम खजूरिया वर्तमान में उस टीम का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है। वो दूसरे रायुडू हैं। सलीम मुस्तफा और रसिख सलाम शेख का भविष्य भी उज्जवल है। 

पठान ने साल 2020 की शुरुआत में सभी तरह की क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। अब वो बतौर कॉमेन्ट्रेटर भूमिका अदा कर रहे हैं। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर की टीम रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी जहां कर्नाटक के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 

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