भारतीय क्रिकेट के प्रशासन, चयन और नियमों पर हमेशा से चर्चा व सवाल उठते रहे हैं। कभी राजनीति तो कभी मतभेद। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस समय दुनिया में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट टीमों में भारत भी शामिल है। हमारे पास सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी मौजूद हैं, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो संघर्ष करते-करते अपना पूरा जीवन निकाल देते हैं लेकिन उन्हें देश के लिए खेलने का मौका नहीं दिया जाता। उनका हक तो बनता है लेकिन वो तरसते ही रह जाते हैं। ऐसा ही एक खिलाड़ी है जिसने बुधवार को फिर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
फिर दी दस्तक, फिर किया कमाल
हम यहां बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज इश्वर पांडे की। बुधवार को मध्य प्रदेश और तमिल नाडु के बीच शुरू हुए रणजी ट्रॉफी मैच में इस खिलाड़ी ने जमकर कहर बरपाया। तमिलनाडु की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी लेकिन इश्वर की गेंदें इतनी खतरनाक साबित हुई कि उनकी पूरी टीम 149 रन पर सिमट गई। इश्वर ने इस दौरान 20 ओवर में कुल 26 रन लुटाते हुए 6 विकेट झटके। इस बीच उन्होंने 8 मेडन ओवर भी फेंके। वैसे, इश्वर पांडे का परिचय सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो जाता। कहानी बेहद अजीब है।
9 साल पहले हुआ था आगाज
भारतीय सेना के जवान के बेटे इश्वर पांडे चेन्नई की प्रतिष्ठित MRF पेस अकादमी में ट्रेनिंग ली। उन्होंने साल 2010 में मध्य प्रदेश के लिए खेलते हुए गोवा के खिलाफ अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर (First class cricket) का आगाज किया। उस सीजन में उन्होंने सिर्फ तीन मैच खेले लेकिन 9 विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ दी। उसके बाद 2011-12 की रणजी ट्रॉफी के 6 मैचों में 25 विकेट लिए जिसमे उनका बेस्ट प्रदर्शन 6/31 था। अब सब उनकी प्रतिभा से वाकिफ हो गए थे।
इसके बाद शुरू हुआ बड़ा धमाल
अगले रणजी ट्रॉफी सीजन में इश्वर पांडे और भी ज्यादा बेहतर गेंदबाज के रूप में सामने आए और फिर गजब कर दिया। उस रणजी सीजन में उन्होंने 8 मैचों में 48 विकेट चटका डाले। जिसमें पांच बार पारी में 5 विकेट लिए और एक बार मैच में 10 विकेट लेने का कमाल भी किया। उस सीजन में बंगाल के खिलाफ मैच में उन्होंने दोनों पारियों में 5-5 विकेट लिए और फिर चयनकर्ताओं को मजबूर होकर उनको इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली इंडिया-ए टीम में चुनना ही पड़ा।
फिर इंडिया-ए और टी20 में भी छोड़ी छाप
अगस्त 2013 में वो इंडिया-ए के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर खेलने उतरे और पहली पारी में 4 विकेट और दूसरी पारी में 3 विकेट लेकर सबको दंग कर दिया। फिर दूसरे मैच की पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार विकेट लिए। जनवरी 2016 में इश्वर पांडे ने टी20 में भी अपना दम दिखाया और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हैट्रिक लेकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
भारतीय टीम में शामिल हुए लेकिन..
दिसंबर 2013 में उनकी रफ्तार और प्रदर्शन से कायल होकर चयनकर्ताओं ने उनको न्यूजीलैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय टेस्ट टीम में जगह दी लेकिन उनको वहां एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं दिया गया। उसके बाद उनकी कभी भी राष्ट्रीय टीम में दोबारा वापसी नहीं हो पाई।
आईपीएल में वो हमेशा धोनी की टीम में रहे, राइजिंग सुपर जायंट्स में भी रहे और चेन्नई सुपर किंग्स में भी। आखिरी बार आईपीएल 2015 में खेलते दिखे। उन्होंने आईपीएल के 25 मैचों में 18 विकेट लिए हैं। इस खिलाड़ी को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 68 मैचों का अनुभव हो चुका है जिसमें वो 238 विकेट ले चुके हैं लेकिन 30 साल की उम्र में अब भी वो राष्ट्रीय टीम से पहली बार खेलने का इंतजार कर रहे हैं।