- जोफ्रा आर्चर ने खुद को बताया नस्लभेद का शिकार
- क्वारंटाइन के दौरान ऑनलाइन नस्ली टिप्पणियों के सामना करने का दावा
- जैविक सुरक्षित वातावरण के नियमों का उल्लंघन करने पर मैच से बाहर हुए थे आर्चर
मैनचेस्टर: नस्लभेद के मामले खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला क्रिकेट से जुड़ा, लेकिन मैदान से बाहर का है। इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) ने खुलासा किया है कि जब वो बायो सिक्योर प्रोटोकॉल तोड़ने के कारण क्वारंटीन में थे तब उन्हें ऑनलाइन नस्ली (Online racism) टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। आर्चर के मुताबिक लोगों ने दूसरे टेस्ट से ठीक पहले सजा भुगतने का अपना गुस्सा नस्ली टिप्पणियों के जरिए निकाला।
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच के बाद आर्चर साउथैम्पटन से सीधे अपने घर चले गए थे जो बायो सिक्योर प्रोटोकॉल का उल्लंघन था।आर्चर ने क्वारंटाइन के दौरान डेली मेल में अपने कॉलम में लिखा, 'बीते कुछ दिनों में, मैंने कई सोशल मीडिया प्रोफाइल को अनफॉलो और म्यूट कर दिया है, ताकि मैं इनसे बच सकूं। मैं दोबारा इनके पास नहीं जा रहा। मैं उन्हें गैरजरूरी आवाजें समझता हूं। दो विकेट लो और एक बार फिर यह लोग वापस आपके पास आ जाएंगे। हम बहुत ही अस्थिर दुनिया में रह रहे हैं।'
मुझे जो गालियां मिलीं, वो नस्ली थीं
आर्चर ने लिखा, इंस्टाग्राम पर बीते कुछ दिनों में जो मुझे गालियां मिली वो नस्ली थीं। मैंने फैसला किया कि अब बहुत हो गया। उन्होंने लिखा, जब से क्रिस्टल पैलेस के फुटबालर विलफ्राइड जाहा को 12 साल के लड़के ने ऑनलाइन नस्लीय टिप्पणी की तब से मैंने एक लाइन खींच ली है कि मैं इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं करूंगा। इसलिए मैंने अपनी शिकायत ईसीबी से कर दी है और वह इसमें सही प्रक्रिया अपनाएगी।
दूसरा टेस्ट भी नेगेटिव
कोविड-19 के दूसरे नेगेटिव टेस्ट के बाद आर्चर तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड टीम से जुड़ने को तैयार हैं। अब वो तीसरे टेस्ट में किस खिलाड़ी की जगह लेंगे ये अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना तय है कि कोच सिल्वरवुड के सामने चयन की चुनौतियां पहले भी थीं और तीसरे टेस्ट में जोफ्रा आर्चर के आने से ये चुनौती और मुश्किल हो सकती है।
खबरों के मुताबिक बेन स्टोक्स को रोटेशन रणनीति के तहत आराम देते हुए आर्चर को उनकी जगह टीम में शामिल किया जा सकता है। इससे पहले आर्चर को स्टुअर्ट ब्रॉड के ऊपर तरजीह देते हुए खिलाया गया था लेकिन दूसरे टेस्ट में ब्रॉड ने खुद को साबित करते हुए एक बार फिर अपना दावा मजबूत किया है।