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Kapil Dev पाकिस्तान की फिर लगाई फटकार, दी आतंकी फंडिंग को नेक काम में लगाने की सलाह 

Updated Apr 25, 2020 | 17:38 IST

Kapil dev's advice for pakistan: टीम इंडिया को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव ने एक बार फिर पाकिस्तान पर करारा प्रहार करते हुए उसे बड़ी सलाह दी है।

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kapil dev
मुख्य बातें
  • मैचों के आयोजन से पहले स्कूल-कॉलेज खोलने के पक्षधर हैं कपिल
  • पाकिस्तान से कहा मैच खेलना है तो पहले लगाए सीमापार आतंकवाद पर रोक
  • टेरर फंडिग का पैसा पाकिस्तानी आवाम की भलाई और नेक काम में लगाने की दी सलाह

नई दिल्ली: कोरोना के कहर के बीच शोएब अख्तर का फंडिंग के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच तीन मैच की वनडे सीरीज खेलना का प्रस्ताव कपिल देव को इतना नागवार गुजरा है कि वो हर मौके पर उनकी फटकार लगा रहे हैं। शोएब के सीरीज के आयोजन के प्रस्ताव को पहले ही सिरे से खारिज करते हुए कपिल देव ने कहा था कि भारत के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। उसकी पहली प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य है ना कि क्रिकेट। 

स्पोर्ट्स तक को दिए इंटरव्यू में कपिल ने कोरोना पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस महामारी से उबरने के बाद स्कूल और कॉलेज खोलना युवा प्राथमिकता होनी चाहिये और ऐसे वक्त में कुछ समय के लिये खेलों की बहाली टाली जा सकती है। कपिल ने कहा, 'मैं बड़ी तस्वीर देख रहा हूं। क्या आपको लगता है कि इस समय बात करने के लिये क्रिकेट ही बचा है। मैं बच्चों को लेकर चिंतित हूं जो स्कूल और कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। मैं चाहता हूं कि पहले स्कूल खुलें। क्रिकेट और फुटबॉल बाद में होते रहेंगे।'

आतंकी फंडिंग का पैसा नेक काम में लगाए पाकिस्तान
कपिल ने दोहराया कि कोरोना से निपटने के लिये धन जुटाने की कवायद में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला के शोएब अख्तर के प्रस्ताव के वह खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर भारत के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने केा इतना ही बेचैन है तो पहले सरहद पार से भारत विरोधी गतिविधियां बंद करे और वह पैसा नेक काम में लगाये।

उन्होंने आगे कहा, 'आप भावनाओं के वेग में बहकर कह सकते हैं कि भारत और पाकिस्तान के मैच कराये जाने चाहिये। इस समय क्रिकेट खेलना प्राथमिकता नहीं है। अगर आपको पैसा चाहिये तो सीमा पार से आतंकी गतिविधियां बंद कीजिये। वह पैसा अस्पतालों और स्कूलों पर लगाइये। अगर हमें पैसा चाहिये तो हमारे कई धार्मिक संगठन हैं और इस समय आगे आना उनका फर्ज है।'

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