आज भारत के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी अपना जन्मदिन मना रहे हैं। घावरी का जन्म 28 फरवरी, 1951 को गुजरात के राजकोट में हुआ था। घावरी ने भारतीय टीम में उस समय एंट्री ली थी, जब तेज गेंदबाज बहुत हुआ कम करते थे। उनके दौर में स्पिनर्स के अधिक बोलबाला था। घावरी का करियर ज्यादा लंबा नहीं चला और वो करीब साल टीम इंडिया का हिस्सा रहे। हालांकि, उन्होंने कम समय में भी अपनी जबरदस्त छाप छोड़ी। उन्होंने कपिल देव के साथ भारत के लिए कई टेस्ट मैचों में गेंदबाजी की और विपक्षी बल्लेबाजों को जमकर छकाया।
करियर के पहले मैच में चटकाए दो विकेट
करसन घावरी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज साल 1974 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। उन्होंने ईडन गार्ड स्टेडियम में डेब्यू टेस्ट में दो विकेट अपने नाम किए। उन्होंने पहली और दूसरी पारी में एक-एक विकेट चटकाया। साथ ही घावरी ने दूसरी पारी में बल्ले से भी अहम योगदान दिया। उन्होंने आठवें नंबर पर खेलते हुए 27 रन बनाए थे। भारत ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था और टीम 85 रन से बड़ी जीत दर्ज करने में सफल रही थी। इस मैच में टीम इंडिया की अगुवाई नवाब पटौदी कर रहे थे।
जब घावरी ने सीरीज में 27 विकेट झटके
कई खिलाड़ियों के लिए एक मैच भी बेहद यादगार होता है। लेकिन चुनिंदा खिलाड़ी ही ऐसे होते हैं, जिनकी पूरी की पूरी सीरीज ही यादगार बन जाते ही। ऐसा ही कुछ घावरी के साथ हुआ था जबकि वेस्टइंडीज की टीम साल 1978-79 में भारत के दौरे पर आई थी। घावरी ने कैरेबियाई टीम के खिलाफ अपनी प्रतिभा का खूब लौहा मनवाया था। उन्होंने 6 टेस्ट मैचों की सीरीज में 27 विकेट झटके थे, जो उस वक्त विंडीज जैसी टीम के खिलाफ एक बड़ी बात थी। कहा जाता है कि घावरी के बाउंसर से विदेशी बल्लेबाज काफी खौफ खाते थे।
100 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले भारतीय
करसन घावरी टेस्ट मैचों में 100 विकेट हासिल करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज हैं। उनसे पहले कोई भी तेज गेंदबाज यह कारनामा अंजाम नहीं दे पाया था। हालांकि, यह बड़ी उपलब्धि अपने नाम करने के बाद उनका करियर जल्द ही पटरी से उतरा गया। उन्होंने अपने करियर में 39 टेस्ट खेले और 3.18 की इकोनॉमी से कुल 109 विकेट लिए। उनका सर्वष्ठ प्रदर्शन 5/33 रहा। उन्होंने आखिरी टेस्ट साल 1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला। घावरी 19 वनडे भी खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 4.11 की इकोनॉमी से 15 शिकार किए। वह करियर में दो बार (1975 और 1979 ) विश्व कप भी खेले।