लाइव टीवी

INDvENG: ओझल हो गया चार साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ इतिहास रचने वाला खिलाड़ी

Updated Jan 25, 2021 | 06:26 IST

चार साल पहले चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ इतिहास रचने वाला बल्लेबाज आज अपनी पहचान का मोहताज हो गया है। दो साल से उस खिलाड़ी को टीम में जगह तक नहीं मिली है।

Loading ...
तिहरा शतक जड़ने के बाद दर्शकों का अभिवादन करते करुण नायर ( साभार आईसीसी)
मुख्य बातें
  • इंग्लैड के पिछले भारत दौरे पर करुण नायर ने चेन्नई में जड़ा था तिहरा शतक
  • सहवाग के बाद टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले दूसरे बल्लेबाज बने था नायर
  • उस शतकीय पारी के बाद फीका पड़ गया नायर के बल्ले का रंग

नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच चार टेस्ट मैच की सीरीज 5 फरवरी को चेन्नई के चेपक स्टेडियम में शुरू होने जा रही है। इंग्लैंड क्रिकेट टीम चार साल के अंतराल के बाद भारत दौरे पर आ रही है। साल 2016-17 में खेली गई  पांच मैचों की सीरीज को टीम इंडिया ने 4-0 के अंतर से अपने नाम किया था। एलेस्टर कुक की कप्तानी वाली टीम का दौरे पर सूपड़ा साफ हो गया था। राजकोट में खेले गया सीरीज का पहला मैच बराबरी पर समाप्त हुआ था।

उस सीरीज के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन एक युवा बल्लेबाज ने वो कारनामा कर दिखाया था जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। ऐसे में उस खिलाड़ी को हमेशा याद किया जाएगा और वो खिलाड़ी है दांए हाथ के बल्लेबाज करुण नायर। 

सीरीज के मोहाली में खेले गए तीसरे टेस्ट में विराट कोहली ने करुण नायर को टीम में शामिल किया। लेकिन पहले टेस्ट में वो कोई कमाल नहीं दिखा सके और 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद दूसरी पारी में उन्हें बैटिंग का मौका नहीं मिला। खराब प्रदर्शन के बावजूद विराट ने नायर को मुंबई में खेले गए सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में भी मौका दिया। लेकिन इस बार भी वो केवल 13 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। 

चेन्नई टेस्ट में जड़ा था तिहरा शतक 
दो टेस्ट की तीन पारी में महज 17 रन बनाने के बावजूद चेन्नई में खेले गए सीरीज के पांचवें और आखिरी टेस्ट में अय्यर को मौका मिला तो उन्होंने हाथ आए इस आखिरी मौके को खाली नहीं जाने दिया और भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले वीरेंद्र सहवाग के बाद दूसरे बल्लेबाज बने। नायर ने 565 मिनट तक बल्लेबाजी करते हुए 381 गेंदों का सामना किया और 303* रन बनाकर नाबाद लौटे। अुनी इस पारी के दौरान उन्होंने 32 चौके और चार छक्के जड़े। 

इतिहास रचने के बाद फीकी पड़ी बल्ले की चमक
नायर ने अपने पहले टेस्ट शतक को तिहरे शतक में बदलने का अनोखा कारनामा कर दिखाया था। उनके अलावा दो और खिलाड़ी ऐसा कर सके थे। लेकिन तिहरा शतक भी नायर की टेस्ट टीम में जगह पक्की नहीं करा सका। चोटिल खिलाड़ियों की टीम में वापसी के बाद उन्हें अपनी जगह गंवानी पड़ी। हालांकि बाद में उन्हें मौके तो मिले लेकिन वो उनका फायदा नहीं उठा सके।

2018 में इंग्लैंड दौरे पर नहीं मिला था मौका
साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के बेंगलुरू, धर्मशाला और रांची में खेले गए टेस्ट मैचों में उन्हें मौका दिया गया लेकिन वो अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज उनके लिए बुरा सपना साबित हुई और वो 3 टेस्ट की चार पारियों में केवल 54 रन बना सके। ऐसे में चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। साल 2018 में इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में नायर को शामिल किया गया था लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने को नहीं मिला। हनुमा विहारी को नायर पर वरीयत दी गई और वो सीरीज के आखिरी दो मैचों में खेले थे। उसके बाद से नायर टीम इंडिया से बाहर हैं। 

युवा खिलाड़ियों ने खड़ी की हैं चुनौतियां 
तिहरा शतक जड़ने के बाद नायर के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिली। वो घरेलू क्रिकेट में भी अपनी लय बरकरार नहीं रख सके। आईपीएल में भी उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब जैसी टीम ने अपने खेमे में शामिल किया लेकिन वहां भी कोई बड़ा धमाल नहीं कर सके। 29 साल के नायर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन ऑस्टेलिया में युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने उनके लिए टेस्ट टीम में वापसी की राह मुश्किल कर दी है। 

दो साल से रणजी में नहीं जड़ा है शतक        
करुण नायर के लिए घरेलू क्रिकेट में पिछले दो सीजन बेहद खराब रहे हैं। साल 2018-19 में उन्हें रणजी ट्रॉफी में 5 मैच खेलने का मौका मिला जिसमें वो केवल 224 रन 24.88 की औसत से बना सके। जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे और उनका सर्वाधिक स्कोर 63 रन था। वहीं 2019-20 में रणजी ट्रॉफी में वो 9 मैच में 26.14 की औसत से 366 रन बना सके। इस बार उनका औसत 26.14 का था और वो कोई शतक नहीं जड़ सके। उनका सर्वाधिक स्कोर पिछले सीजन 81 रन रहा। 

मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी में भी रहा है औसत प्रदर्शन 
सैयद मुश्ताक अली के ट्रॉफी के हालिया सीजन में वो कर्नाटक की कमान संभालते हुए 5 मैच में 16.20 की औसत  से 81 रन बना सके हैं। पिछले दो सीजन में भी उनका ऐसा ही प्रदर्शन मुश्ताक अली ट्रॉफी में रहा है। 2018-19 में उन्होंने 30.62 की औसत से 245 और 2019-20 में 33.83 की औसत से 203 रन बना सके थे। वहीं विजय हजारे ट्रॉफी में 2018-19 में वो 4 मैच में 25 की औसत से 100 रन और 2019-20 में 9 मैच में 11 की औसत से 66 रन बना सके थे। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल