नई दिल्ली: 21वीं सदी का जब आगाज हुआ था तब यह माना गया था कि ये सदी भारत की सदी होगी। इसकी झलक भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में दिखाई दी। भारतीय टीम ने 21वीं सदी के दूसरे दशक में विराट कोहली और एमएस धोनी की कप्तानी में वो कारनामे कर दिखाए जैसा इससे पहले कभी नहीं हुए थे। दोनों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी दिग्गज क्रिकेट टीमों के वर्चस्व को खत्म कर दिया और भारत का विश्व क्रिकेट का सिरमौर बना दिया। आईए पिछले 10 साल में भारतीय क्रिकेट टीम की उपलब्धियों पर नजर डालते हैं।
आईसीसी इवेंन्ट्स में दिखा जलवा
भारतीय टीम ने साल 2011 में मुंबई में श्रीलंका को मात देकर विश्व खिताब पर कब्जा किया। 28 साल बाद भारत धोनी की कप्तानी में वनडे का विश्व चैंपियन बन सका। इसके बाद टीम इंडिया साल 2015 और 2019 के वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची। टी-20 में भी टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन रहा। साल 2014 में भारतीय टीम फाइनल में पहुंची। इसके बाद 2016 में सेमीफाइनल का सफर तय किया। वहीं चैंपियंस ट्रॉफी में भी टीम इंडिया का जलवा बरकरार रहा। 2013 में टीम इंडिया ने खिताब पर कब्जा किया लेकिन 2017 में फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। 2011 से 2019 तक टीम इंडिया आईसीसी की जिस स्पर्धा में उतरी उसे खिताबी जीत का प्रबल दावेदार माना गया।
धोनी और विराट ने खेले सबसे ज्यादा वनडे
एम एस धोनी और विराट कोहली पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा वनडे मैच खेलने वाले खिलाड़ी रहे। धोनी ने जहां 227 मैच खेले वहीं विराट ने 196 मैच में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। इन दोनों भारतीयों के बाद श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज(196), इंग्लैंड के इयोन मोर्गन(195) और भारत के ही रोहित शर्मा(180) रहे।
दस साल में सबसे ज्यादा छक्के
पिछले एक दशक में रोहित शर्मा दुनिया के नए सिक्सर किंग बनकर उभरे। उन्होंने वनडे क्रिकेट में पिछले दस साल में सबसे ज्यादा 233 छक्के जड़े। वहीं इंग्लैंड के इयोन मोर्गन 183 छक्के लगा सके। यूनिवर्सल बॉस क्रिस गेल के बल्ले से 180 छकक्के निकले। वहीं मिस्टर 360 एबी डिविलियर्स 155 छक्के लगा सके।
सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच और सीरीज
वनडे क्रिकेट में पिछले दशक में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार विराट कोहली ने जीते। विराट कोहली वनडे में इस दौरान 35 बार मैन ऑफ द मैच चुने गए। वहीं दूसरे पायदान पर काबिज न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल 21 बार ये पुरस्कार अपने नाम कर सके। इस मामले में तीसरे पायदान पर दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स और भारत को रोहित शर्मा रहे दोनों ने 20-20 बार मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया। वहीं मैन ऑफ द सीरीज के मामले में बात की जाए तो विराट कोहली 7 बार मैन ऑफ द सीरीज चुने गए। वहीं दूसरे पायदान पर काबिज हाशिम अमला 6 बार अपने नाम ये खिताब करने में सफल रहे। वहीं रोहित शर्मा और केन विलियमसन 5-5 खिताबों के साथ तीसरे पायदान पर रहे।
वनडे में तीन दोहरे शतक, खेली दशक की सबसे बड़ी पारी
रोहित शर्मा ने 21वीं सदी के दूसरे दशक में बल्ले से सफलता की नई इबारत लिखी। उन्होंने पिछले दस साल में वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक जड़े। उन्होंने बेंगलुरू में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला दोहरा शतक(209) 2013 में जड़ा था। दूसरा दोहरा शतक साल 2014 में श्रीलंका के खिलाफ 264 रन की पारी कोलकाता में खेली थी। इसके बाद श्रीलंका के ही खिलाफ 2017 में 208* रन की पारी खेली थी। वो पिछले दशक में वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज रहे। इसके बाद दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल रहे। उन्होंने साल 2015 में विश्व कप के दौरान 237* रन की पारी खेली थी।
टेस्ट में जीते पचास प्रतिशत से ज्यादा मैच
पिछले दस साल में कुल 105 टेस्ट मैच खेले जिसमें से टीम इंडिया ने 55 में जीत हासिल की जबकि 29 में उसे हार का मुंह देखना पड़ा जबकि 22 मैच बराबरी पर समाप्त हुए। इस दौरान धोनी की कप्तानी में भारत ने 50 मैच खेले जिसमें से 20 में उसे जीत मिली जबकि 18 में हार का सामना करना पड़ा लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम की कमान संभालते ही विराट ने भारतीय टेस्ट टीम का चाल चरित्र और चेहरा पूरी तरह बदल दिया। पिछले पांच सालों में विराट की कप्तानी में भारतीय टीम ने 53 मैच खेले और 33 में जीत हासिल की जबकि इस दौरान टीम को केवल 10 मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा और 10 मैच ड्रॉ रहे। वहीं विराट की गैरमौजूदगी में इस दौरान अजिंक्य रहाणे ने 2 मैच में टीम की कप्तानी की जिसमें से दोनों में ही भारतीय टीम को जीत मिली।
एक दशक में जीती 36 में से 22 टेस्ट सीरीज
18 सीरीज में विराट ने टीम इंडिया की कमान संभाली जिसमें से 14 में भारतीय टीम को जीत मिली और दो सीरीज में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा जबकि एक सीरीज बराबरी पर समाप्त हुई। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से और इंग्लैंड दौर पर 1-4 के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा था। वहीं बांग्लादेश के खिलाफ एक मैच की टेस्ट सीरीज बराबरी पर समाप्त हुई थी। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने घर पर कोई सीरीज नहीं गवांई जबकि केवल एक टेस्ट मैच( ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में) हार का सामना करना पड़ा। वहीं धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 18 सीरीज खेली जिसमें से 8 में उसे जीत मिली जबकि 7 में हार का सामना करना पड़ा जबकि तीन सीरीज बराबरी पर समाप्त हुईं।
बतौर कप्तान सबसे ज्यादा जीत
एमएस धोनी दूसरे दशक में वनडे में सबसे ज्यादा जीत दर्ज करने वाले कप्तान रहे। धोनी की कप्तानी में भारत ने भारत ने 71 मैच जीते। उनका हार जीत का औसत 1.42 रहा। इस सूची में दूसरे पायदान पर इंग्लैंड के इयोन मोर्गन रहे। मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड ने 68 मैच जीते। वहीं इस सूची में 60 जीत के साथ विराट कोहली तीसरा स्थान हासिल करने में सफल रहे।
दशक में सबसे ज्यादा वनडे रन
विराट कोहली का 21वीं सदी के दूसरे दशक में बल्ला जमकर चला। विराट कोहली वनडे में 10 साल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 11, 125 रन बनाए। वहीं 8,249 रन के साथ दूसरे पायदान पर रोहित शर्मा रहे। रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच 2876 रन का अंतर रहा। इस सूची में तीसरे स्थान पर हाशिम अमला( 7,265), चौथे स्थान पर एबी डिविलियर्स(6,485) और रॉस टेलर (6,428) रन के साथ पांचवें स्थान पर रहे। विराट कोहली का इस दौरान औसत 60.79 और रोहित शर्मा का 53.56 का रहा।
विकेट के पीछे सबसे ज्यादा शिकार
एमएस धोनी कप्तानी के साथ-साथ विकेट के पीछे भी बेहद सफल साबित हुए। धोनी ने पिछले दस सालों में वनडे में 196 मैच में 242 शिकार किया। उनके अलावा दूसरे पायदान पर काबिज इंग्लैंड जोस बटलर ने 141 मैच में 202 शिकार किए। इन दोनों के अलावा और कोई विकेटकीपर 200 शिकार नहीं कर सका। इस सूची में तीसरे पायदान पर कुमार संगकारा(188) और चौथे पर मुश्किफुर रहीम(145) रहे।