अबुधाबीः पूर्व श्रीलंकाई कप्तान और मौजूदा समय में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अध्यक्ष कुमार संगकारा ने सिडनी में तीसरे टेस्ट के दौरान भारतीय खिलाड़ियों पर की गई नस्लवादी टिप्प्णियों की सोमवार को निंदा की। एमसीसी खेल के कानूनों का संरक्षक है। अबुधाबी टी10 टूर्नामेंट द्वारा कराई गई वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में संगकारा ने कहा, ‘‘मैंने इस घटना के बारे में पढ़ा है। किसी भी देश में और किसी भी रूप में नस्लवाद निंदनीय है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिये और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये।’’
सिडनी में दर्शकों के एक वर्ग ने भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर नस्लीय टिप्पणियां की जिसके बाद कुछ देर खेल रोकना पड़ा । दर्शकों में से छह को बाहर कर दिया गया और क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने इसके लिये माफी भी मांगी। सिराज के अलावा जसप्रीत बुमराह को भी ‘ब्राउन डॉग ’ और ‘बिग मंकी’ कहा गया। संगकारा ने कहा कि वह खुशकिस्मत रहे कि अपने खेलने के दिनों में उन्हें नस्लवाद का सामना नहीं करना पड़ा।
छोटे प्रारूपों से टेस्ट क्रिकेट हुआ रोमांचक
कुमार संगकारा का मानना है कि छोटे प्रारूपों के आने से टेस्ट क्रिकेट देखना और रोमांचक हो गया है क्योंकि खिलाड़ी आक्रामक रवैये के साथ इसमें भी नये शॉट्स खेलने लगे हैं। उन्होंने अबुधाबी टी10 द्वारा कराई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ स्कोरिंग की गति में बदलाव को देखें तो अब रिवर्स स्वीप, पैडल, आक्रामक मानसिकता ये सभी छोटे प्रारूपों की देन है । यह टेस्ट क्रिकेट में भी दिखाई दे रहा है और इसे देखना काफी रोमांचक है।’’
पंत या साहा?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में तीसरे टेस्ट में ऋषभ पंत ने 118 गेंद में 97 रन बनाये । वहीं बेन स्टोक्स ने 2019 एशेज श्रृंखला में हेडिंग्ले टेस्ट में नाबाद 135 रन की आक्रामक पारी खेली थी। संगकारा ने पंत और चेतेश्वर पुजारा की विपरीत बल्लेबाजी शैली का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा ,‘‘ पंत जैसे बल्लेबाज काफी आक्रामक शैली में खेलते हैं और उन्हें पुजारा जैसे पारंपरिक बल्लेबाज के साथ खेलते देखना अच्छा लगा।’’
संगकारा ने कहा ,‘‘यह देखकर अच्छा लगा कि दो अलग खिलाड़ी , दो अलग मानसिकता और तकनीक के साथ एक टीम में कैसे साथ में खेलते हैं । इसी तरह प्रारूपों की भी बात है।’’ भारतीय टेस्ट टीम में विकेटकीपर की जगह को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है । पंत बल्लेबाजी में बेहतर हैं तो रिधिमान साहा विकेटकीपर के तौर पर उनसे बेहतर हैं।
यह पूछने पर कि दोहरी जिम्मेदारी कैसे निभानी चाहिये, पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘अभ्यास । यदि विकेटकीपिंग अपेक्षा के अनुरूप नहीं है तो मेहनत करके सुधार करो ।और कोई तरीका नहीं है। अभ्यास को थोड़ा और समय देना होगा और बेहतर रणनीति बनानी होगी।’’