- आशीष नेहरा ने कहा कि 2003-04 पाकिस्तान दौरे पर बालाजी बहुत मशहूर हुए थे
- नेहरा ने कहा कि पाकिस्तान में इमरान खान से ज्यादा लोकप्रिय हुए थे बालाजी
- बालाजी ने शोएब अख्तर और मोहम्मद समी की गेंदों पर छक्के जमाए थे
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा संबंधों को देखते हुए कोई द्विपक्षीय सीरीज आयोजित होते नजर नहीं आती। चिर-प्रतिद्वंद्वी ने 2003-04 में एक टेस्ट सीरीज खेली थी जब भारतीय टीम ने इसी तरह के अंतराल के बाद पाकिस्तान का दौरा किया था। कारगिल युद्ध के बाद भारतीय टीम ने सौरव गांगुली के नेतृत्व में पाकिस्तान का दौरा किया था और टेस्ट व वनडे सीरीज दोनों जीती थी। टीम इंडिया में कई मैच विनर्स थे, जो आगे चलकर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी बने। दौरे पर वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और इरफान पठान ने कमाल का प्रदर्शन किया था।
हालांकि, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा के मुताबिक इस दौरे पर सबसे ज्यादा सुर्खियां दाएं हाथ के तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी ने बटोरी थी। बालाजी ने तीनों टेस्ट और पांचों वनडे में हिस्सा लिया और भारत की जीत में अहम योगदान दिया। रावलपिंडी में खेले गए तीसरे टेस्ट में बालाजी ने कुल 7 विकेट झटके और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेहरा ने बालाजी को बताया हीरो
नेहरा का मानना है कि उस दौरे पर सबसे ज्यादा लोकप्रियता लक्ष्मीपति बालाजी को मिली थी। नेहरा ने यहां तक कहा कि बालाजी उस ऐतिहासिक दौरे के दौरान पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान से ज्यादा लोकप्रिय हो गए थे। एक क्रिकेट शो पर बातचीत करते हुए नेहरा ने कहा, 'ड्रेसिंग रूम की ज्यादा कहानियां आपको इरफान पठान से पता चल जाएंगी। मुझे उस दौरे पर एक ही चीज याद है और वो हैं लक्ष्मीपति बालाजी। शायद उस समय वह इमरान खान से भी ज्यादा लोकप्रिय पाकिस्तान में हुए थे।'
बालाजी ने बल्लेबाजी में करतब दिखाते हुए शोएब अख्तर और मोहम्मद समी की तेजतर्रार गेंदों पर छक्के जमाए थे। इस दौरान उनका बल्ला भी एक बार टूट गया था। मगर बालाजी के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान बनी रहती थी, जिससे पाकिस्तानी उनके फैन बन गए थे। बालाजी ने भारत के लिए 8 टेस्ट और 30 वनडे खेले, जिसमें क्रमश: 27 और 34 विकेट झटके। इसके अलावा बालाजी ने 5 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 10 विकेट चटकाए।
नेहरा ने कहा, 'उन 6 सप्ताहों में बालाजी बाएं, दाएं और सीधे कहीं भी छक्के उड़ा रहा था, इसमें कोई शक ही नहीं। वीरेंद्र सहवाग ने तिहरा तो राहुल द्रविड़ ने दोहरा शतक जमाया था। इरफान पठान का बेहतरीन प्रदर्शन सबकुछ था वहां, लेकिन मुझे लक्ष्मीपति बालाजी ही उस दौरे की याद दिलाते हैं। पाकिस्तान का पूरा देश और ड्रेसिंग रूम में लक्ष्मीपति बालाजी, इनके क्या कहने।'