- आईसीसी अवॉर्ड्स - एम एस धोनी को मिला खास पुरस्कार
- दशक के खेल भावना पुरस्कार से धोनी को किया सम्मानित
- इयान बेल का वो रन-आउट विवाद आज भी भूलना मुश्किल है
टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को आईसीसी (ICC) ने दशक का शीर्ष सम्मान दिया है। विराट कोहली को पिछले 10 सालों का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनते हुए सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी दी गई। अगर विराट कोहली पिछले 10 सालों के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे तो महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) भी कुछ कम नहीं रहे थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का अवॉर्ड तो नहीं लेकिन एक खास सम्मान दिया गया- 'दशक का खेल भावना पुरस्कार'।
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईसीसी का दशक का खेल भावना पुरस्कार जीता। प्रशंसकों ने 2011 में नॉटिंघम टेस्ट में इयान बेल के अजीब हालात में रन आउट होने के बाद उन्हें वापस बुलाने के लिए धोनी को इस पुरस्कार के लिए चुना।
क्या हुआ था उस दिन?
साल 2011 के इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम पहला टेस्ट मैच हार चुकी थी। दूसरा मुकाबला ट्रेंट ब्रिज (नॉटिंघम) में खेला जा रहा था। भारत ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी करने को कहा था और इंग्लिश टीम को पहली पारी में 221 रन पर समेट दिया था।
जवाब में टीम इंडिया ने राहुल द्रविड़ के 34वें टेस्ट शतक के दम पर 288 रन बनाए। मैच के तीसरे दिन चोटिल जोनाथन ट्रॉट की जगह इंग्लैंड ने इयन बेल को प्रमोट करके नंबर.3 पर बल्लेबाजी करने भेजा। इयन बेल ने कमाल की पारी खेलते हुए अपना तीसरा टेस्ट शतक जड़ा।
तीसर् दिन टी-ब्रेक से ठीक पहले इयोन मोर्गन ने इशांत शर्मा की एक गेंद को लेग साइड पर खेला। उन्हें लगा कि गेंद फाइन लेग बाउंड्री की ओर चली गई है लेकिन प्रवीण कुमार ने बीच में ही डाइव लगाकर गेंद रोक ली थी। बेल और मोर्गन को लगा चौका हो गया है तो टी-ब्रेक के लिए पवेलियन लौटने लगे। तभी प्रवीण ने धोनी के हाथों में गेंद फेंकी और धोनी ने इसे मुकुंद के हाथों में फेंका और मुकुंद ने गिल्लियां बिखेर दीं क्योंकि बेल क्रीज से बाहर टहल रहे थे।
भारतीय टीम ने अपील की, टीवी रीप्ले में दिखा कि गेंद बाउंड्री से नहीं लगी थी और प्रवीण कुमार ने सही समय पर गेंद रोकते हुए उसे फेंक दिया था। यानी खेल जारी था, इसलिए थर्ड अंपायर ने बेल को रन आउट घोषित कर दिया। वो दुर्भाग्यपूर्ण अंदाज में 137 रन बनाकर आउट हो गए थे।
टी-ब्रेक के बाद धोनी ने इस नियम का किया उपयोग
कोई भी कप्तान एक सेट बल्लेबाज को दोबारा पिच पर नहीं चाहेगा लेकिन ये सब गलतफहमी में हुआ था इसलिए धोनी ने फैसला किया कि वो इयान बेल को टी-ब्रेक के बाद वापस बुलाएंगे। माही ने क्रिकेट के कानून नंबर. 27 के सेक्शन 8 का इस्तेमाल किया जिसके मुताबिक फील्डिंग कर रही टीम का कप्तान चाहे तो अपनी अपील को वापस ले सकता है। धोनी ने ऐसा ही किया और बेल पिच पर लौटे जिसके साथ सभी दर्शकों ने तालियां बजाकर टीम इंडिया और धोनी को 'खेल भावना' दिखाने के लिए सम्मान दिया।
ये है पूरे मामले का वीडियो
धोनी ने इस दशक के बीच अपनी कप्तानी में भारत को वनडे विश्व कप जिताया, पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी भी जिताई। वो तीन आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले पहले कप्तान बने लेकिन शायद उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन को देखते हुए वो विराट से पिछड़ गए और उनको दशक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का अवॉर्ड नहीं मिल सका।