- एमएसके प्रसाद 2015 में चयन समिति से जुड़े थे, तब उन्होंने रोजर बिन्नी की जगह ली थी
- प्रसाद ने 2016 में संदीप पाटिल की जगह ली थी और चयन समिति के चेयरमैन बने थे
- प्रसाद का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ, जिसकी घोषणा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने की
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता समिति के चेयरमैन एमएसके प्रसाद का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली के सामने सबसे बड़ी चुनौती नए प्रमुख चयनकर्ता को खोजने की है। प्रसाद अपने कार्यकाल के समय चर्चा में रहे क्योंकि उस समय कुछ विवादित घटा तो कुछ कड़े फैसले लिए गए। एमएसके प्रसाद के पास ज्यादा अंतरराष्ट्रीय अनुभव नहीं है। उन्होंने केवल 6 टेस्ट और 17 वनडे खेले हैं। प्रसाद को कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और कई दिग्गजों ने उनका मजाक बनाया। मगर भारतीय टीम ने तीन साल में प्रदर्शन शानदार किया।
अब जब प्रसाद का कार्यकाल खत्म हो चुका है तो प्रसाद की जगह किसी पूर्व भारतीय खिलाड़ी का जगह लेना तय है। बोर्ड शायद गगन खोड़ा को भी रिलीज कर दे, जो एमएसके प्रसाद के साथ पैनल से जुड़े थे। नए चेयरमैन के रूप में दिलीप वेंगसरकर, लक्ष्मण शिवरामकृष्णन के नाम की चर्चा चल रही है। अब देखना होगा कि किसे इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया जाएगा।
चलिए जानते हैं कि एमएसके प्रसाद की जगह लेने के तीन प्रमुख दावेदार कौन हैं:
# लक्ष्मण शिवरामकृष्णन - एमएसके प्रसाद की जगह लेने के ये प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। शिवरामकृष्णन माने हुए कमेंटेटर हैं और वह घरेलू क्रिकेट के कवरेज में भी शामिल रहते हैं। इससे उन्हें अन्य दावेदारों पर तरजीह मिल सकती है। शिवरामकृष्णन को अगला स्पिन लीजेंड माना जाता था, लेकिन वह उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। उन्होंने 1980 के समय में भारत के लिए 9 टेस्ट और 16 वनडे खेले। ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलने के बावजूद शिवरामकृष्णन को भारत के सबसे प्रतिभावान क्रिकेटरों में से एक माना जाता था। 1983 में शिवरामकृष्णन की उम्र 17 साल और 118 दिन थी। वह भारत की तरफ से टेस्ट डेब्यू करने वाले सबसे युवा क्रिकेटर बने थे। फिर 1989 में सचिन तेंदुलकर ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा।
# वीरेंद्र सहवाग - एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सबसे ज्यादा आलोचना गैर अनुभवी होना था। पांच पूर्व खिलाड़ियों ने कुल मिलाकर 13 टेस्ट और 31 वनडे खेले। इसमें से दो खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट खेला भी नहीं है। वीरेंद्र सहवाग के जुड़ने से किसी के पास कुछ बोलने का हक नहीं रहेगा क्योंकि उनके पास काफी अनुभव है। पूर्व भारतीय ओपनर ने 104 टेस्ट और 251 वनडे खेले हैं। सहवाग टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जमाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। सहवाग ने भारतीय टीम की कप्तानी भी की है। उन्हें दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक माना जाता था। सहवाग अगर इस भूमिका के लिए आवेदन करते हैं तो वह पद के प्रमुख दावेदार होंगे। मगर वह कमेंट्री की भूमिका निभा सकते हैं, इसलिए वह शायद ही चेयरमैन पद के लिए आवेदन करें। 41 साल के सहवाग ने 2017 में भारत के हेड कोच पद के लिए आवेदन दिया था, लेकिन तब उनका चयन नहीं हुआ था। मगर चेयरमैन पद के लिए सहवाग प्रबल दावेदार बन सकते हैं।
# वेंकटेश प्रसाद - टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज प्रसाद ने संन्यास के बाद कई भूमिकाएं निभाई हैं। वह टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच रह चुके हैं। इसके अलावा चेन्नई सुपरकिंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और किंग्स इलेवन पंजाब में भी कोचिंग दी। प्रसाद ने कमेंट्री भी की और जूनियर राष्ट्रीय चयन समिति के चेयरमैन भी रह चुके हैं। प्रसाद 2018 में भारतीय अंडर-19 टीम के प्रमुख चयनकर्ता थे, जिसने विश्व कप जीता। इसके बाद उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब से जुड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया। कई जिम्मेदारियां निभाने के कारण प्रसाद के पास काफी अनुभव है और वह एमएसके प्रसाद की जगह लेने के प्रबल दावेदार हैं। वेंकटेश प्रसाद के पास 33 टेस्ट और 161 वनडे का अनुभव है।