- क्रिकेट इतिहास में 22 जुलाई का दिन - जब मुरलीथरन ने बनाया दिया था सबसे बड़ा रिकॉर्ड
- भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे टेस्ट मैच के अंतिम क्षणों में पूरा हुआ था 800 का आंकड़ा
- करियर की अंतिम गेंद पर मुथैया मुरलीथरन को नसीब हुआ था वो ऐतिहासिक पल
Cricket Throwback 22 July: असल जिंदगी में कुछ किस्से ऐसे होते हैं जो किसी कहानी या फिल्म जैसे लगते हैं। खेल जगत में भी कई ऐसे वाकये रहे हैं जो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट जैसे ही लगते हैं। आज का दिन भी इस खेल के इतिहास में ऐसा ही एक पल लेकर आया था। भारत और श्रीलंका के बीच 11 साल पहले खेले गए उस टेस्ट मैच में श्रीलंका के महान पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीथरन (Muttiah Muralitharan) ने आज ही के दिन वो कमाल पूरा किया था, जो अब बाकी गेंदबाजों के लिए किसी सपने जैसा है।
भारतीय टीम 2010 में श्रीलंका दौरे पर थी। पहला टेस्ट मैच गॉल के मैदान पर खेला जा रहा था। मैच से पहले ही श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीथरन ऐलान कर चुके थे कि ये उनके करियर का अंतिम मुकाबला होगा। जब वो ये टेस्ट मैच खेलने उतरे तब उनके नाम 792 टेस्ट विकेट थे। वो उस समय भी दुनिया के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज थे लेकिन सभी श्रीलंकाई फैंस उम्मीद कर रहे थे कि किसी तरह 8 विकेट और मिला जाएं ताकि 800 टेस्ट विकेट का खूबसूरत आंकड़ा देखने को मिले और मुरली की विदाई भी लाजवाब बन जाए।
श्रीलंका ने भारत को फॉलोऑन खेलने बुलाया, 797 तक पहुंचे मुरली
मैच की पहली पारी में श्रीलंका ने 8 विकेट पर 520 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी। जवाब देने उतरी टीम इंंडिया पहली पारी में सिर्फ 276 रन पर ढेर हो गई। इस पारी में मुरली ने 5 विकेट झटक लिए। यानी अब उनके टेस्ट विकेटों का आंकड़ा 797 तक जा पहुंचा था। इसके बाद श्रीलंका ने भारत को फॉलोऑन खिलाने का फैसला किया।
युवराज और भज्जी को आउट करके 799 पर अटक गए मुरलीथरन
अब मुरली को 800 टेस्ट विकेट पूरे करने के लिए सिर्फ 3 विकेट और चाहिए थे। भारतीय टीम फॉलोऑन खेलने उतरी और दूसरी पारी में मुरली ने युवराज सिंह और हरभजन सिंह को आउट करके अपने विकेटों की संख्या 799 रन तक पहुंचा दी। मैच धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा, विकेट भी गिरे और वीवीएस लक्ष्मण के रन आउट होते ही स्कोर हो गया 314/9, यानी अब सिर्फ एक विकेट बाकी था। कप्तान कुमार संगकारा ने तुरंत मुरली को गेंद थमा दी ताकि वो किसी तरह अपना ऐतिहासिक आंकड़ा पूरा कर लें।
श्रीलंकाई फैंस की बढ़ती धड़कनों के बीच प्रज्ञान ओझा बने शिकार
मुरली गेंदबाजी करने आए और उनके सामने इशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा की जोड़ी थी। मुरली ने 116वें ओवर की चौथी गेंद पर प्रज्ञान ओझा को अपनी फिरकी में फंसाया और स्लिप में खड़े महेला जयवर्धने ने कैच लपक लिया। यानी कहानी वैसे ही खत्म हुई जिसकी मुरली उम्मीद कर रहे थे। करियर की अंतिम गेंद पर वो विकेट के साथ विदा हुए और वो विकेट भी टेस्ट करियर का 800वां विकेट था। एक ऐसा रिकॉर्ड जिसके आसपास भी कोई नहीं था, कोई नहीं है। इसी के साथ रिकॉर्ड 77वीं बार महेला जयवर्धने ने मुरली की गेंद पर कैच भी लपका। इस जोड़ी की जुगलबंदी भी इस गेंद के साथ समाप्त हो गई।
श्रीलंका ने दी विजयी विदाई
भारत इस पारी में फॉलोऑन खेलते हुए 338 रन बनाने में सफल रहा, मलिंगा ने इस पारी में 5 विकेट झटके। जिसके साथ ही उन्होंने श्रीलंका के सामने 95 रनों का लक्ष्य रखा, जो श्रीलंका ने बिना कोई विकेट गंवाए हासिल कर लिया। श्रीलंका ने 10 विकेट से मैच जीतकर 800 विकेट के मालिक व अपने महान खिलाड़ी मुथैया मुरलीथरन को विजयी विदाई दी।