- आज ही के दिन हार कर भी विराट ने जीते थे करोड़ों प्रशंसकों के दिल
- 364 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई थी विराट सेना
- भारत को विराट कोहली की कप्तानी में मिली थी 48 रन के अंतर से हार
नई दिल्ली: क्रिकेट प्रशंसकों को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच भिड़ंत का बेसब्री से इंतजार होता है। फॉर्मेट कोई भी हो लेकिन दोनों टीमों के बीच 22 गज की पिच पर होने वाले मुकाबले में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होती है। दोनों में से कोई भी अपने विरोधी को आसानी से जात हासिल नहीं करने देती है और हर वक्त मैच में वापसी करने की पुरजोर कोशिश करती है।
विराट ने पहले टेस्ट में की थी जिंदादिल कप्तानी
ऐसा ही एक मुकाबला साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला गया। चार मैच की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में नियमित कप्तान एमएस धोनी चोट के कारण नहीं खेल पाए थे और टीम की कमान पहली बार विराट कोहली ने संभाली थी। 9-13 दिसंबर के बीच खेले गए इस मैच के दौरान दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने जमकर रन बरसाए लेकिन इस मैच को आज भी विराट कोहली की जिंदादिल कप्तानी, आक्रामक और हार नहीं मानने वाले रवैये के लिए याद किया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया ने पहले पारी में खड़ा किया था बड़ा लक्ष्य
इस मैच की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर(145), स्टीव स्मिथ(162*) और माइकल क्लार्क(128) की शतकीय पारियों की
बदौलत 7 विकेट पर 517 रन बनाए थे। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने विराट की कप्तानी में खेलते हुए 444 रन बनाए। विराट ने 115 रन की पारी खेली। टीम इंडिया पहली पारी में 73 रन से पिछड़ गई। ऐसे में दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर के एक और शतक(102) की बदौलत अपनी दूसरी पारी 5 विकेट पर 290 रन का स्कोर खड़ा किया। इस तरह भारतीय टीम को जीत के लिए चौथी पारी में 364 रन का लक्ष्य मिला।
पांचवें दिन जीत के लिए मिला था 364 रन का लक्ष्य
ऐसे में भारतीय टीम ने सकारात्मक अंदाज में पांचवें दिन जीत के इरादे से मैदान में उतरी। भारतीय टीम ने जल्दी जल्दी दो विकेट गंवा दिए लेकिन इसके बाद मुरली विजय और विराट कोहली ने पारी को संभाला और लंच तक टीम को 2 विकेट पर 105 रन के स्कोर तक पहुंचा दिया। दोनों ने पारी को आगे बढ़ाया और 200 रन के पार पहुंचा दिया। दोनों के बीच 185 रन की साझेदारी हुई। लेकिन 99 रन बनाकर मुरली विजय लॉयन की गेंद पर एलबीडब्लू हो गए।
मुरली और विराट के अलावा नहीं मिला किसी का साथ
विजय के आउट होने के बाद विराट को दूसरे छोर से किसी खिलाड़ी का साथ नहीं मिला और विकेटों की पतझड़ लग गई। देखते देखते नाथन लॉयन ने 7 विकेट चटका लिए और भारत ने ये मैच 48 रन के अंतर से गंवा दिया। विराट 304 के स्कोर पर 7वें विकेट के रूप में पवेलियन लौटे। लॉयन की गेंद पर मार्श के हाथों लपके गए। विराट के आउट होने के बाद टीम की जीत की संभावनाएं भी तकरीबन खत्म हो गईं।
भले ही टीम इंडिया ने ये मैच 48 रन के अंतर से गंवा दिया लेकिन इसके बाद विराट कोहली की कप्तानी की जमकर तारीफ हुई। उन्होंने सामने से मोर्चा संभालते हुए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को उनके ही अंदाज में जवाब दिया। विराट बतौर कप्तान पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले ग्रैग चैपल के बाद दुनिया के दूसरे कप्तान भी बने थे।