- पार्थिव पटेल की एक उंगली टूटी हुई है, वो 9 उंगलियों के बल पर विकेटकीपिंग करते हैं
- छह साल की उम्र में पार्थिव पटेल की टूट गई थी उंगली
- पार्थिव को गर्व है कि 9 उंगलियों के सहारे भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर सके
अहमदाबाद: पार्थिव पटेल ऐसा लगता है कि हमेशा खेलते रहेंगे। उन्होंने भारतीय टीम के लिए तब डेब्यू किया, जब 18 साल के भी नहीं हुए थे। वह 2003 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे, जो फाइनल तक पहुंची थी। पार्थिव पटेल को अपने आप को साबित करने के लिए कुछ टेस्ट में मौका मिला, लेकिन फिर एमएस धोनी के आने के बाद उनका पत्ता कट गया। पटेल टीम से बाहर हो गए। फिर धोनी को कप्तान बना दिया गया तो पार्थिव पटेल के वापसी के मौके लगभग बंद हो गए।
भारतीय टीम से लगातार नजरअंदाज किए जाने के बावजूद पार्थिव पटेल ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन जारी रखा, जिसकी बदौलत 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई। कई लोगों को इस बात से अचंभा हुआ कि इतने लंबे समय बाद पार्थिव पटेल की वापसी कैसे हुई, लेकिन मेहनत और लगन के बलबूते वह टीम इंडिया में वापसी करने में सफल रहे।
ऐसे टूटी उंगली
बहरहाल, इस छोटे कद के विकेटकीपर बल्लेबाज के बारे में कम ही लोगों को पता है कि पार्थिव पटेल की सिर्फ 9 उंगलियां हैं। जी हां, यह सच है। पॉकेट साइज डायनामो के बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली टूटी गई है। पार्थिव पटेल ने खुद खुलासा किया कि जब वह 6 साल के थे, तब यह घटना हुई थी। उनके बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली दरवाजे पर अटक गई थी, जिसे बाद में काटना पड़ा। पटेल ने साथ ही खुलासा किया कि 9 उंगलियों के सहारे पहले विकेटकीपिंग करने में काफी मुश्किल होती थी और उनकी सबसे छोटी उंगली ग्लव्स में फिट नहीं होती थी।
पटेल ने एक चैट शो में बताया, 'जब मैं 6 साल का था तब मेरी उंगली दरवाजे में आ गई थी। इसे काटना पड़ा।' हालांकि, पार्थिव पटेल ने बताया कि उन्होंने उंगली को ग्लव्स से चिपका दिया, जिससे यह जुड़े रहते हैं और इससे खेलते समय उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। मगर बाएं हाथ के बल्लेबाज को इस पर गर्व है कि उन्होंने 9 उंगलियों के बल पर विकेटकीपर के रूप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।
35 साल के पटेल ने कहा, 'शुरुआत में परेशानी होती थी क्योंकि विकेटकीपिंग ग्लव्स फिट नहीं बैठते थे। फिर मैंने ग्लव्स पर टेप लगा दिया तो यह जुड़ा रह गया। मुझे नहीं पता कि अगर सभी उंगलियां होती तो क्या महसूस होता, लेकिन अगर पीछे देखता हूं तो अच्छा महसूस होता है कि 9 उंगलियों के सहारे भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर पाया।'