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पाकिस्तान क्रिकेट की हालत हुई बयां, कम कीमत पर लोगो अधिकार बेचने पर हुआ मजबूर

Updated Jul 10, 2020 | 18:39 IST

PCB sell logo right cheaply: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की हालत आज तब बयां हो गई जब वो अपने लोगो अधिकार सस्ते में बेचने पर मजबूर हो गया।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पीसीबी ने सस्ते में बेचे लोगो अधिकार
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान क्रिकेट के हाल बेहाल
  • पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड कम कीमत पर लोगो अधिकार बेचने पर मजबूर
  • बयां हो गई पाकिस्तान क्रिकेट की खराब हालत

कराची: ये किसी से छुपा नहीं है कि जैसी हाल एक देश के रूप में पाकिस्तान की है, कुछ वैसी ही हाल वहां के क्रिकेट बोर्ड की भी है। कभी खिलाड़ियों का वेतन नहीं देना, घरेलू क्रिकेट में ना के बराबर मेहनताना देना जैसी खबरें हमेशा आती रहीं, अब उनकी हालत को बयां करने वाली एक और खबर सामने आ गई है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इंग्लैंड दौरे पर खेली जानी वाली सीरीज से पहले राष्ट्रीय टीम के लिए प्रायोजक ढूंढने में सफल रहा लेकिन ये करार उसे उम्मीद से काफी कम कीमत पर करने को मजबूर होना पड़ा।

एक विश्वसनीय सूत्र के अनुसार, पीसीबी ने ट्रांसमीडिया के साथ एक साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। यह कंपनी पिछले कुछ वर्षों से पीसीबी में विभिन्न प्रायोजन और मीडिया अधिकार खरीद रही है। ट्रांसमीडिया पहले से ही सहयोगी प्रायोजक के तौर पर पीसीबी को सालाना 15 करोड़ (पाकिस्तानी) रुपये का भुगतान कर रहा है।

इस रकम की हुई पेशकश

सूत्र ने बताया, ‘‘ट्रांसमीडिया ने पाकिस्तान टीम की जर्सी और किट पर मुख्य लोगो के लिए तीन साल के सौदे के लिए 60 करोड़ रुपये की पेशकश की है। कई कोशिश के बाद पर निराशा का सामना करने के बाद बोर्ड ने अब 20 करोड़ रुपये में एक साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है।’’ सूत्र ने बताया कि पीसीबी अगले साल फिर से लोगो अधिकार की नीलामी कर सकता है।

पिछले महीने खत्म हुआ था करार

इससे पहले पेप्सी का तीन साल का करार 55 लाख डालर (लगभग 91 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का था जो पिछले महीने खत्म हो गया। सूत्र के मुताबिक कंपनी नये करार के लिए पिछली रकम का 30 प्रतिशत ही देना चाहती थी लेकिन करार को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष अधिकारियों ने वैश्विक और स्थानीय कंपनियों से संपर्क किया लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली।’’

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