मैनचेस्टर: अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवाद के खिलाफ उठी आवाज की धमक दुनियाभर में अब तक सुनाई दे रही है। कोरोना के कहर के बीच इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज जैव सुरक्षित वातावरण में खेली जानी है। ऐसे में विंडीज के टेस्ट कप्तान जेसन होल्डर ने नस्लीय टिप्पणी करने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
जेसन होल्डर ने नस्लीय टिप्पणियां करने वाले दोषी खिलाड़ियों के खिलाफ डोपिंग और मैच फिक्सिंग करने वाले दोषी खिलाड़ियों की तरह ही सजा दिए जाने की मांग की है। होल्डर ने इस बारे में कहा, 'मुझे नहीं लगता कि नस्लवाद की सजा डोपिंग या भ्रष्टाचार की सजा से अलग होनी चाहिए। अगर हमारे खेल में कुछ मुद्दे हैं तो हमें उन्हें बराबरी से निपटना चाहिए।'
आईसीसी के मौजूदा नियमों के अनुसार किसी भी खिलाड़ी को मैदान पर नस्लीय टिप्पणी करने के लिये आजीवन प्रतिबंधित किया जा सकता है, अगर उसने तीन बार नस्लीय रोधी संहिता का उल्ल्ंघन किया हो। पहली बार ऐसा करने पर उस खिलाड़ी के खाते में चार से आठ निलंबन अंक जुड़ जाते हैं।
दो निलंबन अंक एक टेस्ट या दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय या दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के बराबर होते हैं।
होल्डर ने कहा कि प्रत्येक श्रृखंला से पहले खिलाड़ियों को नस्लीय रोधी चीजों के बारे में बताना शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'डोपिंग रोधी और भ्रष्टाचार रोधी बातों के अतिरिक्त शायद हमारे लिये प्रत्येक श्रृंखला शुरू होने से पहले नस्लीय रोधी बातों को भी बताया जाना चाहिए। मेरा संदेश है कि इसके प्रति और शिक्षित होने की जरूरत है। मैंने कभी नस्लीय टिप्पणी का अनुभव नहीं किया है लेकिन अपने चारों ओर इसकी बातें सुनी और कुछ देखी हैं।'
हाल ही में वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने कहा था कि आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हुए नस्लीय टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाया था। सनराइजर्स के साथी खिलाड़ियों ने उन्हें उस दौरान जो नाम दिया था वो नस्ली था। इस बात की पुष्टि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की एक सोशल मीडिया पोस्ट से भी हुई थी। ऐसे में क्रिकेट की दुनिया में भी नस्लवाद के मुद्दे ने तूल पकड़ा था। इसके अलावा भी कई पूर्व खिलाड़ी भी अपने साथ नस्लभेदी व्यवहार होने की पुष्टि कर चुके हैं।