नई दिल्ली: भारत के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और 6 टी20 मैच खेलने वाले बांए हाथ के स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। 11 साल पहले कानपुर में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले प्रज्ञान टीम इंडिया की जर्सी में आखिरी बार साल 2013 में नजर आए थे। सचिन तेंदुलकर का विदाई टेस्ट उनके करियर का भी आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच साबित हुआ। पिछले सात साल से वो टीम इंडिया में वापसी की बाट जोहते रहे लेकिन युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन से उनके लिए रास्ते तकरीबन बंद कर दिए ऐसे में उन्हें अब ये फैसला करना पड़ा है।
ओझा ने भारत के लिए 24 टेस्ट में 113, 18 वनडे में 21 और 6 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच में 10 विकेट झटके। रविचंद्रन अश्निन और रवींद्र जडेजा के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उदय से पहले वो टीम के नियमित स्पिन गेंदबाज बन गए थे। लेकिन साल 2011 के विश्व कप में टीम इंडिया की जीत के बाद तस्वीर बदल गई और ओझा टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके।
ओडिशा के भुवनेश्नर में जन्मे प्रज्ञान ने घरेलू क्रिकेट में हैदराबाद का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने साल 2005 में रेलवे के खिलाफ अपने रणजी करियर की शुरुआत दिल्ली में की थी। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जल्दी अपने शानदार प्रदर्शन के बल पर टीम इंडिया के दरवाजे खोलने में सफल रहे। घरेलू क्रिकेट में भी वो बेहद सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 108 प्रथम श्रेणी मैचों में 424 विकेट हासिल किए। वहीं 103 लिस्ट ए मैचों में उनके नाम 123 विकेट और 142 टी-20 मैचों में 156 विकेट दर्ज हैं।
आईपीएल में किया धमाकेदार प्रदर्शन
प्रज्ञान ओझा ने आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियन्स का प्रतिनिधित्व किया। 2008 से 2015 तक आईपीएल के आठ सीजन में उन्होंने 92 मैच खेले और 26.20 की औसत और 7.36 की इकोनॉमी से 89 विकेट झटके। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 11 रन देकर 3 विकेट रहा।
एक्शन की हुई थी शिकायत
प्रज्ञान ओझा के गेंदबाजी एक्शन की साल 2014 में शिकायत हुई थी। बाद में 2015 में उनके गेंदबाजी एक्शन को फिर वैध ठहराया गया। लेकिन इसके बाद उनका करियर परवान नहीं चढ़ सका।