आईपीएल 2021 में शानदार प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने साल 2019 में अपने ऊपर लगे बैन को लेकर अहम खुलासा किया है। शॉ का कहना है कि बैन के लिए वह और उनके पिता जी जिम्मेदार हैं। बता दें कि बीसीसीआई ने शॉ को 8 महीने के लिए क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से प्रतिबंधित कर दिया था। शॉ ने एक ऐसा कफ सिरप ले लिया था, जिसमें 'टर्बुटलाइन' नामक प्रतिबंधित दवा शामिल थी। शॉ का यूरीन सैंपल लिया गया था, जिसके बाद उन्हें मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा था।
'उस समय मुझे सर्दी और खांसी थी'
पृथ्वी शॉ ने क्रिकबज से कहा, 'मुझे लगता है कि कफ सिरप विवाद के लिए पिता जी और मैं जिम्मेदार हैं। मुझे याद है कि हम इंदौर में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहे थे और उस समय मुझे सर्दी और खांसी थी। मैं रात के खाने के लिए बाहर गया था और काफी खांस रहा था। ऐसे में मैंने अपने पिता जी से बात की और उन्होंने मुझे मार्केट में उपलब्ध कफ सिरप लेने की सलाह दी। लेकिन मैंने जो गलती, वो यह कि फिजियो से परामर्श नहीं किया। मेरी तरफ से यह गलत थी।'
'मैं हर जगह अपने बारे में पढ़ रहा था'
शॉ ने आगे कहा, 'मैंने उस सिरप को दो दिनों तक पिया और फिर तीसरे दिन मेरा डोप टेस्ट हो गया। टेस्ट में मुझे प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने लिए पॉजिटिव पाया गया। यह मेरे लिए बहुत कठिन समय था, जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। मैं हर जगह अपने बारे में पढ़ रहा था। मुझे लोगों की धारणा के बारे में चिंता थी। मुझे लगा कि लोग सोच रहे हैं कि मैं प्रतिबंधित पदार्थ और ड्रग्स ले रहा हूं। मैं हर दिन इस विवाद बारे में सोच रहा था, क्योंकि मैं उस वक्त अच्छा कर रहा था, लेकिन फिर अचानक सबकुछ बदल गया।'
वापसी के बाद शॉ को ज्यादा मौके नहीं
गौरतलब है कि पृथ्वी शॉ अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर चुके हैं। हालांकि, उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिले हैं। उन्होंने वापसी के बाद से तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेले हैं। उनकी अनुपस्थिति में शुभमन गिल को टेस्ट टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। शॉ 2020/21 ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से टेस्ट टीम से डॉप कर दिए गए हैं। उन्हें इंग्लैंड दौरे पर के लिए भी भारतीय टीम में नहीं चुना गया है।