- भारत की अंडर19 टीम में बतौर ऑलराउंडर खेलते हैं राज अंगद बावा
- दो मैच में राज ने बनाए हैं 55 रन और झटके हैं 4 विकेट
- युवराज सिंह को कोचिंग दे चुके हैं राज के पिता सुखविंदर सिंह
गयाना: भारत की अंडर-19 टीम( India U19 Cricket team) ने वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप के दूसरे दौर में प्रवेश कर लिया है। भारतीय टीम ने अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 45 रन से मात देकर विजयी शुरुआत की थी।
बुधवार को आयरलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में कप्तान यश धुल सहित दल के 6 खिलाड़ियों के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद बाकी खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरी भारतीय टीम ने 174 रन के विशाल अंतर से जीत दर्ज की।
चार बार की विजेता भारतीय टीम टूर्नामेंट के दूसरे दौर में पहुंचने वाली पहली टीम बनी। ऐसे में भारतीय टीम के शानदार खेल की तारीफ हो रही है। एक खिलाड़ी ने गेंद और बल्ले दोनों से धमाकेदार प्रदर्शन करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। वो खिलाड़ी है टीम में बतौर ऑलराउंड खेल रहे राज अंगद बावा( Raj Angad Bawa)।
दादा ने जीता था 1948 में हॉकी स्वर्ण
राज अंगद बावा के परिवार का खेलों से पुराना नाता रहा है। उनके दादा त्रिलोचन सिंह बावा आजाद भारत के लिए हॉकी में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे थे। साल 1948 में लंदन ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। यह भारतीय टीम का ओलंपिक खेलों में लगातार चौथा स्वर्ण पदक था।
युवराज के बचपन के कोच रहे हैं राज के पिता
राज अंगद बावा के पिता सुखविंदर सिंह बावा टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी रहे युवराज सिंह के बचपन के कोच रहे हैं। राज युवराज सिंह को अपना आदर्श मानता हैं। वो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में निपुण हैं इस बात की झलक उन्होंने टूर्नामेंट के शुरुआती दो मैच में दिखा दी है।
दो मैच में झटके हैं 4 विकेट और बनाए हैं 55 रन
पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ राज बल्लेबाजी करते हुए 13(19) बना सके। लेकिन गेंदबाजी में उन्होंने 6.4 ओवर में 47 रन देकर चार विकेट झटके और भारत के लिए विकी ओस्तवाल के बाद दूसरे सफल गेंदबाज रहे। विकी ने 28 रन देकर 5 विकेट झटके थे।
आयरलैंड के खिलाफ ंमचाया बल्ले से धमाल
इसके बाद कोरोना की मार का सामना करने के बाद आयरलैंड के खिलाफ मैच में उतरी भारतीय टीम के लिए राज तीसरे पायदान पर बल्लेबाजी करने उतरे और 64 गेंद में 42 रन जड़कर अपनी टीम को 300 रन के पार पहुंचाने में अहम योगदान दिया। हालांकि गेंदबाजी 5 ओवर में 24 रन दिए लेकिन कोई विकेट उनके खाते में नहीं गया।
युवराज को मानते हैं अपना आदर्श
राज बावा युवराज सिंह को अपना आदर्श मानते हैं वो उनसे अबतक दो बार मिले हैं लेकिन उनके जैसा प्रदर्शन करना चाहते हैं।युवराज ने भी 1998 में श्रीलंका में आयोजित अंडर-19 वर्ल्ड कप में धमाकेदार प्रदर्शन करके दुनिया के सामने अपनी छाप छोड़ी थी। उसके बाद उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसी राज पर राज भी चल चुके हैं।