- रविचंद्रन अश्विन ने जुलाई 2017 के बाद वनडे और टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला
- अश्विन ने पूछा कि कौन किसी प्रतिस्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहता?
- सीमित ओवर टीम से बाहर होने के बाद अश्विन को खेलने में मजा नहीं आता था
नई दिल्ली: टीम इंडिया के प्रमुख ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि सीमित ओवर क्रिकेट से गैरमौजूदगी और लगातार चोटों के कारण उनके खेल पर काफी असर हुआ और इसका नतीजा यह रहा कि उन्होंने खेल का आनंद उठाना और टीवी पर इसे देखना बंद कर दिया। अश्विन आईपीएल में अभी भी प्रमुख खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन जुलाई 2017 के बाद से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वनडे और टी20 मुकाबला नहीं खेला है। अश्विन और जडेजा को 2017 में वेस्टइंडीज दौरे पर टीम से बाहर किया गया था। तब ऐसी रिपोर्ट्स थी कि दोनों का कार्यभार प्रबंध करने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।
हालांकि, रिस्ट स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के उभरने से अश्विन की वापसी पर विराम लग गया। रवींद्र जडेजा विश्व कप 2019 से पहले सीमित ओवर क्रिकेट में वापसी करने में कामयाब रहे, लेकिन अश्विन दावेदारी से बाहर हो गए। भारतीय क्रिकेट ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में वॉशिंगटन सुंदर, क्रुणाल पांड्या और राहुल चाहर को आजमाया जबकि बीच-बीच में कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और युजवेंद्र चहल को भी मौका दिया।
इतने लंबे समय से बाहर रहने के बावजूद अश्विन ने सीमित ओवर क्रिकेट में वापसी की उम्मीदें नहीं हारी हैं। उनका मानना है कि आईपीएल 2020 में शानदार प्रदर्शन की बदौलत वह टी20 विश्व कप के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। अश्विन ने मुंबई मिरर से बातचीत में कहा, 'पहले मुझे हर समय खेलने में मजा आता था। मगर मेरे करियर में एक समय ऐसा भी आया जब महसूस हुआ कि सीमित ओवर क्रिकेट से गैरमौजूदगी और चोटों के कारण खेल में मेरी रुचि खत्म हो गई है। यह मेरे लिए काफी खतरनाक भी था। मैंने टीवी पर मैच देखना बंद कर दिया था। इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है। अच्छा है कि मैं इससे उबर चुका हूं। मैंने लोगों से मदद ली और इस संकट से उबरा।'
अश्विन ने आगे कहा, 'वर्ल्ड टी20 सभी के लिए लक्ष्य है। कौन प्रतिस्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहता। युवराज सिंह ने 2014 वर्ल्ड टी20 में वापसी की थी और फिर 2017 चैंपियंस ट्रॉफी भी खेली। मैं अभी 33 साल का हूं। एक स्पिनर के रूप में मेरी फिटनेस अच्छी है। आईपीएल के अनुभव से भी मेरी वापसी हो सकती है। जहां तक फटाफट क्रिकेट को युवाओं का टूर्नामेंट बताया जाता है, लेकिन वही टीम सफल हुई है, जिसने अनुभव में निवेश किया। यही वर्ल्ड टी20 का भी मामला है। ज्यादा अनुभव वाली टीमें वर्ल्ड कप जीती हैं। वेस्टइंडीज इसका उदाहरण रहा है।'