- रिचर्डसन ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने तेज गेंदबाजों का सामना करने में महारत हासिल की
- रिचर्डसन के कोच ने एक ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया, जिससे उनकी बल्लेबाजी बदल गई
- रिची रिचर्डसन को दुनिया के सबसे निडर और विध्वंसक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है
एंटीगुआ: जब भी हम रिची रिचर्डसन का नाम सुनते हैं, तो दिमाग में सबसे पहले उनकी छवि एक गोल टोपी पहने बल्लेबाज के रूप में आती है, जो पूरे मैदान में हुक व पुल शॉट खेलते हुए तेज गेंदबाजों की धुनाई कर रहा हो। हालांकि, रिचर्डसन शुरुआती समय में इतने आक्रामक बल्लेबाज थे ही नहीं। रिचर्डसन की बल्लेबाजी शुरूआती दौर में काफी बोरिंग होती थी और उनके कोच भी इससे काफी नाखुश थे। मगर एक घटना ने रिचर्डसन का बल्लेबाजी के प्रति पूरा रवैया बदल दिया।
रिची रिचर्डसन ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए कहा, 'मेरी युवा उम्र में, मैं काफी डिफेंसिव था और बहुत बोरिंग बल्लेबाजी करता था। मैं बस क्रीज पर डटे रहने की कोशिश करता था और कभी गेंद को बाउंड्री पार भेजने का प्रयास भी नहीं करता था। मेरे कोच भी मेरी बल्लेबाजी से जरा भी खुश नहीं थे।' वेस्टइंडीज के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने बताया कि कैसे उनके कोच ने क्षमता को परखने के लिए एक टेस्ट लिया ताकि वो फैसला ले सके कि रिचर्डसन के साथ कोचिंग जारी रखनी है या नहीं।
कोच ने किया अनोखा प्रयोग
58 साल के रिचर्डसन ने कहा, 'कोच ने एकदम हरी विकेट तैयार कराई। एक दोपहर उन्होंने हमारे सभी स्पिनर्स को आराम दिया और मुझे तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी करने को कहा। कोच ने तेज गेंदबाजों से कहा कि अगर किसी ने फुल लेंथ गेंद डाली तो उसे घर भेज दूंगा।' जब शॉर्ट गेंदों की बरसात होने लगी तो शुरुआत में रिची ने डिफेंस किया, लेकिन उन्हें समझ आया कि यह ज्यादा समय काम नहीं करने वाला है। रिचर्डसन को महसूस हुआ कि वह युद्ध क्षेत्र में है और गेंदबाज उन्हें मार डालना चाहते हैं।
कैरेबियाई क्रिकेटर ने कहा, 'गेंदबाज समय के साथ गर्म हो चुके थे। मुझे मार डाला जाता। तब मुझे एहसास हुआ कि बचने का एक ही तरीका है। आक्रमण। डिफेंस का सर्वश्रेष्ठ रूप आक्रमण है और मैंने अचानक हुक शॉट खेलना शुरू कर दिया। जो भी गेंद शॉर्ट पिच हो, वो छक्के के लिए जा रही थी।' रिची रिचर्डसन ने याद किया कि उस दिन आस-पास के सभी पेड़ों की शाखाएं उनके हुक शॉट से सहम गई होगी। कोच अपने प्रयोग से काफी खुश हुए।
बल्लेबाजी में आया पूरा बदलाव
सर रिची रिचर्डसन ने याद किया कि प्रैक्टिस सेशन समाप्त होने के बाद कोच ने उनसे क्या कहा था। कोच ने कहा था, 'अब मुझे पता चला कि तुम एंटीगुआ के लिए खेलोगे।' इस घटना के बाद तेज गेंदबाजों का सामना करते समय उनकी बल्लेबाजी करने के रवैये में बदलाव आ गया था। रिचर्डसन ने बताया कि वह टर्फ के बजाय सीमेंट की पिच पर अभ्यास करते थे, जहां गेंद ज्यादा तेज गति से आती थी। उन्होंने गेंदबाजों को 10 यार्ड की दूरी से गेंदबाजी करने को कहा और वह भी बिना हेलमेट पहने। रिचर्डसन का मानना है कि उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ अपने रिफलेक्सेस विकसित कर लिए थे।
कभी हेलमेट इसलिए नहीं पहना
रिची रिचर्डसन को कभी हेलमेट पहने हुए नहीं देखा गया। घातक गेंदबाजों का सामना गोल टोपी पहने करने का कारण जब जानना चाहा तो उन्होंने कहा, 'अगर गेंद पर आपकी नजरें हैं तो आपको सिर पर गेंद लगेगी नहीं।' रिचर्डसन ने 86 टेस्ट और 224 वनडे मैचों में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया।