- हरभजन सिंह ने रिकी पॉन्टिंग से जुड़ा एक किस्सा आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान साझा किया है
- साल 2008 के सिडनी टेस्ट के दौरान जब अंपायर बन बैठे थे रिकी पॉन्टिंग
- इस मैच के दौरान हुआ था मंकी गेट विवाद, जिसके कारण छोटा हो गया था ये विवाद
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह के करियर में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग सबसे चहेते शिकार रहे हैं। उनकी फिरकी के आगे पॉन्टिंग की एक नहीं चलती थी। हरभजन सिंह तो उनके बारे में ये तक कह चुके हैं कि पॉन्टिंग उनकी गेंद पर चेहरा देखकर आउट हो जाते थे। ऐसे में उन्होंने पंटर से जुड़ा एक किस्सा साझा किया है जब वो मैदान पर अंपायर की तरह एक्टिंग करने लगे थे।
यह वाकया साल 2008 में भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान हुआ था। इस मैच के दौरान कई तरह के विवाद हुए थे। जिसमें अंपायरों से हुई गलतियां भी शामिल थीं। मैच के दौरान भारतीय टीम की दूसरी पारी के दौरान सौरव गांगुली का कैच लेने के बाद उन्होंने अपनी उंगली उठाते हुए कहा था कि ये आउट है। हालांकि गांगुली को अंपायर ने भी आउट करार दिया था लेकिन कॉमेंट्री बॉक्स में मौजूद सुनील गावस्कर ने उनके ऐसा करने पर सवाल उठाए थे। ऐसे में हरभजन सिंह ने कहा है कि वो भी पॉन्टिंग के ऐसा करने से खुश नहीं थे। इस कैच के विवाद के अलावा इसी मैच के दौरान 'मंकी गेट' प्रकरण भी हुआ जिसने इससे ज्यादा सुर्खियां बटोरी।
भज्जी पर लगा था सायमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी का आरोप
इस मैच के दौरान हरभजन सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने एंड्रर्यू सायमंड पर नस्लीय टिप्पणी की है। सायमंड्स के आरोप लगाने के बाद उनके ऊपर तीन टेस्ट मैच खेलने का प्रतिबंध मैच रेफरी ने लगा दिया था। रेफरी के इस निर्णय से नाखुश भारतीय टीम ने दौरे का बहिष्कार करने की धमकी दे दी थी इसके बाद उनके ऊपर से प्रतिबंध हटाया गया।
अंपायर बन गए थे रिकी पॉन्टिंग
आकाश चोपड़ा के साथ उस मैच की चर्चा करते हुए हरभजन सिंह ने कहा, मैं 2008 के सिडनी टेस्ट के बारे में बात करूं तो उसमें रिकी पॉन्टिंग खुद अंपायर बने हुए थे। वो खुद कैच लपककर फैसला सुना रहे थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों का मानना था कि जो बाद मैदान पर होती है उसे मैदान पर ही छोड़ देना चाहिए लेकिन मेरे और सायमंड्स के बीच जो वाकया हुआ वो मैदान से बाहर चला गया।'
चार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने दी थी गवाही
भज्जी ने आगे कहा, मैं और सायमंड्स एक दूसरे के बेहद करीब थे। केवल सचिन तेंदुलकर हम दोनों के पास थे। हम दोनों के बीच और कोई व्यक्ति नहीं था। जब मामले के सुनवाई शुरू हुई उसमें मैथ्यू हेडेन, एडम गिलक्रिस्ट, माइकल क्लार्क और रिकी पॉन्टिंग ने एक सुर में दावा किया कि भज्जी ने जो कहा था उन्होंने सुना था।
इस मैच में जो बेज्जती हुई उसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने उस मैच को 122 रन से जीत लिया और सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल कर ली। सायमंड्स को मैन ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने उस मैच में 162 और 61 रन की पारियां खेली थी। हालांकि अनिल कुंबले की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने पर्थ में खेले अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया को मात देने में कामयाब हुई थी।
हरभजन ने उस मामले को और टीम को सही तरह से संभालने का श्रेय मौजूदा कप्तान अनिल कुंबले को देना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि जंबो के साथ-साथ पूरी टीम ने उस दौरान उनका पूरा समर्थन किया और उनके मनोबल को बढ़ाया था।