- 'मांकड़िंग' को लेकर नियमों में बदलाव
- एमसीसी के फैसले के बाद सचिन तेंदुलकर ने जताई खुशी
- अनुचित खेल कानूनों से बाहर करने पर स्टुअर्ट ब्रॉड नाखुश
दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के नॉन स्ट्राइकर छोर से गेंद फेंके जाने से पहले रन आउट करने (मांकड़िंग) को अनुचित खेल कानूनों से हटाने के फैसले की सराहना की लेकिन इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने इस कदम को अनुचित करार दिया।
खेल कानूनों के संरक्षक एमसीसी ने नॉन स्ट्राइकर छोर पर इस तरह के रन आउट को अनुचित खेल वर्ग से हटाने का फैसला किया है। गेंद फेंके जाने से पहले रन आउट किये जाने को लेकर पहले काफी चर्चा होती रही है और इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता रहा था। भारत के आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन सहित कई खिलाड़ी इसे आउट करने का सही तरीका मानते रहे हैं।
तेंदुलकर ने कहा कि वह इस तरह से आउट किये जाने के लिये ‘मांकड़िंग’ शब्द का उपयोग किये जाने के खिलाफ थे। तेंदुलकर ने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘एमसीसी समिति ने क्रिकेट में नये नियम जारी किये हैं और उनमें से कुछ का मैं बहुत समर्थन करता हूं। इनमें से पहला मांकड़िंग आउट होना है। मैं इस तरह से आउट किये जाने के लिये मांकड़िंग का उपयोग किये जाने में असहज महसूस करता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में खुश हूं कि इसे रन आउट में बदल दिया गया है। मेरे अनुसार इसे पहले से ही रन आउट होना चाहिए था। इसलिए यह हम सभी के लिये अच्छी खबर है। मैं इसके साथ सहज नहीं था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।’’ ब्रॉड ने हालांकि ‘मांकड़िंग’ को वैध करने के एमसीसी के फैसले को अनुचित करार दिया कि और कहा कि इसके लिये किसी तरह के कौशल की जरूरत नहीं होगी।
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ब्रॉड ने ट्वीट किया, ‘‘तो मांकड़िंग अब अनुचित नहीं रहा और आउट करने का यह तरीका वैध बन गया है। क्या यह आउट करने का वैध तरीका नहीं था और क्या इसका अनुचित होना व्यक्तिपरक था? मुझे लगता है कि यह अनुचित है और मैं इसे सही नहीं मानता। बल्लेबाज को आउट करने के लिये कौशल की जरूरत होती है और मांकड़ के लिये किसी तरह का कौशल नहीं चाहिए।’’