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999 में 463 मुकाबले खेलने वाले महान सचिन तेंदुलकर ने 1000वें वनडे पर दिया ये बयान

Updated Feb 04, 2022 | 23:09 IST

Sachin Tendulkar on 1000th ODI match: भारत और वेस्टइंडीज के बीच 6 फरवरी को खेला जाने वाला सीरीज का पहला वनडे मैच, इस प्रारूप में भारत का 1000वां वनडे मैच होगा। इस पर सचिन तेंदुलकर ने क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
सचिन तेंदुलकर
मुख्य बातें
  • भारत-वेस्टइंडीज के बीच पहला वनडे होगा ऐतिहासिक
  • भारतीय वनडे इतिहास का 1000वां वनडे मैच
  • सबसे ज्यादा वनडे मैच खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने 1000वें मुकाबले को लेकर दिया बयान

भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने पिछले 48 वर्षों में भारत के 999 वनडे में से 463 मैच खेले हैं और उनका मानना है कि उपमहाद्वीप में ‘वनडे क्रांति’ 1996 विश्व कप के दौरान शुरू हुई। तेंदुलकर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के 1000वें वनडे की पूर्व संध्या पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि मेरा सपना भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना था। सिर्फ यही बात मेरे दिमाग में थी और इसी के साथ वनडे आये लेकिन उस युग में जब आप बच्चे थे तो आप वनडे का सपना नहीं देखते थे।’’

सचिन ने कहा, ‘‘वनडे में हाइप 1996 विश्व कप में हुई थी और तभी सबसे बड़ा बदलाव हुआ था। इससे पहले 1983 हो गया था और वह अद्भुत था। हां, तब स्टेडियम पूरे भरे थे लेकिन 1996 विश्व कप के बाद चीजें बदलनी शुरू हो गयी और वो बदलाव दिखने लगे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन बदलावों का अनुभव किया और वनडे को नया आयाम मिला।’’

अगर आज तक खेले होते तो..

तेंदुलकर भारत के 200वें, 300वें, 400वें, 500वें, 600वें, 700वें और 800वें वनडे में खेल चुके हैं। लेकिन वह अपना ज्यादातर क्रिकेट एक गेंद के साथ खेलने वाले 50 ओवर के मैच और मैदानी पाबंदियों (जिसमें 30 गज के सर्कल के बाद एक अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक खड़ा होता है) में खेले। इसे देखते हुए लगता है कि अगर वह इस युग में खेले हो तो शायद उनके 18000 (18426) से ज्यादा वनडे रन अब 22,000 या फिर 25,000 रन तक पहुंच गये होते।

मैंने सब देखा था

सचिन ने कहा, ‘‘मैंने सब देखा था। अगर मुझे सही तरह याद है तो हम 2000-01 के अंत तक जिम्बाब्वे के खिलाफ सफेद जर्सी में खेले थे। मुझे याद है मेरा सफेद गेंद का अनुभव न्यूजीलैंड में 1990 में त्रिकोणीय श्रृंखला थी।’’ तेंदुलकर ने कहा, ‘‘भारत में जो मैंने पहला दिन/रात्रि मैच खेला था, हमें दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में रंगीन टी-शर्ट और सफेद पैंट दी गयी थी।’’ उन्हें लगता है कि पहली बार भारत दिन/रात्रि क्रिकेट के बारे में गंभीर 1993 हीरो कप में हुआ था जो ईडन गार्डन्स पर दूधिया रोशनी में खेला गया था।

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तेंदुलकर ने कहा, ‘‘लेकिन यहां तक कि उस युग में सफेद गेंद के मैच देश के पूर्वोत्तर हिस्से में सुबह 8:45 या सुबह नौ बजे शुरू होते थे। एक ही सफेद गेंद हुआ करती थी और जब यह गंदी हो जाती तो इसे देखना मुश्किल होता और यह रिवर्स भी होती। अब आपके पास दो सफेद गेंद होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारे पास अलग नियम हैं। अब दो नयी गेंद का नियम है और क्षेत्ररक्षण पाबंदियां भी बहुत अलग हैं। लेकिन वनडे बुखार 1990 के दशक में शुरू हुआ। लेकिन तेजी से बदलाव 1996 से हुआ।’’

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