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सैफ अली खान का खुलासा, बॉयकोट मानने को तैयार ही नहीं थे कि मेरे पिता नेत्रहीन थे

Updated Jul 21, 2020 | 10:48 IST

Saif Ali Khan on Mansoor Ali Khan Pataudi: मंसूर अली खान पटौदी पहले कप्‍तान थे, जिन्‍होंने 1967 में विदेश में जीतने वाली भारतीय टीम का नेतृत्‍व किया था।

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मंसूर अली खान पटौदी और सैफ अली खान
मुख्य बातें
  • मंसूर अली खान पटौदी भारत को विदेश में टेस्‍ट सीरीज जीत दिलाने वाले पहले कप्‍तान थे
  • 1961 में इंग्‍लैंड में एक कार दुर्घटना में पटौदी की दाएं आंख की दृष्टि चली गई थी
  • सैफ अली खान ने बताया कि ज्‍योफ्री बॉयकोट को विश्‍वास नहीं हुआ कि उनके पिता नेत्रहीन हैं

नई दिल्‍ली: मंसूर अली खान पटौदी सबसे पहले भारतीय कप्‍तान थे, जिन्‍होंने टीम इंडिया को विदेश में टेस्‍ट सीरीज जीत दिलाई थी। भारत के सबसे बेहतरीन कप्‍तानों में से एक पटौदी आक्रामक बल्‍लेबाज होने के साथ-साथ शानदार फील्‍डर भी थे। उन्‍होंने युवा 21 साल की उम्र में भारतीय टीम की कप्‍तानी करना शुरू की थी और उनके नेतृत्‍व में टीम ने आत्‍मविश्‍वास से लबरेज होकर खेलना शुरू किया।

'टाइगर' पटौदी ने 1961 में इंग्‍लैंड में एक सड़क दुर्घटना में अपनी दाएं आंख की दृष्टि गंवा दी थी और इसके कुछ समय बाद उन्‍होंने वेस्‍टइंडीज में टीम इंडिया की पहली बार कमान संभाली। इसमें कोई शक नहीं कि पूर्व भारतीय कप्‍तान ने मैदान में कभी अपनी कमजोरी को अपना दुश्‍मन नहीं बनने बनने दिया और वह लगभग एक दशक तक भारतीय टीम के सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाज रहे।

सैफ अली खान हुए नाराज

हाल ही में बॉलीवुड एक्‍टर और उनके बेटे सैफ अली खान ने खुलासा किया कि पूर्व इंग्लिश बल्‍लेबाज ज्‍योफ्री बॉयकोट ने एक बार उनके पिता की नेत्रहीनता पर सवाल खड़े किए थे कि दाएं आंख में बिना दृष्टि के कोई खिलाड़ी अपने करियर में ज्‍यादातर समय कैसे खेल सकता है। सैफ ने स्‍पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत करते हुए कहा, 'मैं बॉयकोट का काफी सम्‍मान करता हूं, लेकिन एक बार उन्‍होंने मुझे बहुत गुस्‍सा दिलाया था। उन्‍होंने कहा, 'मैंने आपके पिता के बारे में सुना है। यह मुमकिन नहीं कि एक आंख के साथ टेस्‍ट क्रिकेट खेला जा सके।' मैंने उनसे पूछा कि क्‍या मेरे पिता ने झूठ कहा तो उन्‍होंने इसका जवाब दिया कि हां, वह बात बना रहे होंगे।'

पटौदी कम ही अपना आपा खोते थे और वह काफी नम्र व्‍यवहार के लिए जाने जाते थे। मगर बॉयकोट के कमेंट से सैफ अली खान खासे नाराज हुए थे। बॉलीवुड एक्‍टर ने याद किया, 'मैंने अपने पिता को यह बात बताई और वह इससे काफी नाराज हुए थे। उन्‍होंने कहा, 'मैं दोनों आंखों के साथ बहुत अच्‍छा था। मैं एक आंख के साथ भी बहुत अच्‍छा हूं।' यह सबसे घमंडी बात मैंने उनसे पूरे समय में सुनी।'

'टाइगर' पटौदी का करियर

पटौदी ने 46 टेस्‍ट खेले, जिसमें से 40 मुकाबलों में उन्‍होंने कप्‍तानी की। पटौदी के नेतृत्‍व में भारत ने 1967 में न्‍यूजीलैंड को टेस्‍ट सीरीज में मात दी, जो विदेश में उसकी पहली टेस्‍ट सीरीज जीत थी। 1961 से 1975 के बीच 46 टेस्‍ट में पटौदी ने 34.91 की औसत व 6 शतक और 16 अर्धशतकों की मदद से 2793 रन बनाए। पटौदी का फर्स्‍ट-क्‍लास रिकॉर्ड और भी शानदार रहा, जहां 310 मैचों में 33 शतक व 75 अर्धशतकों की मदद से उन्‍होंने 15,425 रन बनाए। पूर्व भारतीय कप्‍तान का 22 सितंबर 2011 को सांस संबंधी बीमारी के चलते निधन हो गया था।

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