नई दिल्ली: दिल्ली की रणजी ट्रॉफी टीम के चयन को लेकर सोमवार को विवाद की स्थिति पैदा हो गई जब मंगलवार से गुजरात के खिलाफ शुरू हो रहे अहम मुकाबले के लिए 15 सदस्यीय टीम में अनजान तेज गेंदबाज अंकित बेनीवाल को शामिल किया गया। एक वर्ग के विरोध के बावजूद बेनीवाल को बंगाल के खिलाफ मैच के लिए नेट गेंदबाज के रूप में भेजा गया था जबकि वह सिर्फ 110 से 115 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं।
दिल्ली की टीम अभी ए और बी के संयुक्त पूल में नौवें स्थान पर चल रही है और इन दो ग्रुप से सिर्फ शीर्ष पांच टीमें ही क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगी। गुजरात की टीम 26 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है और उसका क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना लगभग तय है। कप्तान पार्थिव पटेल इस मैच में नहीं खेलेंगे। डीडीसीए के आला अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि बीसीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष और उसका छोटा भाई जो अब डीडीसीए का शीर्ष पदाधिकारी है, उन्होंने बेनीवाल को चुनने के लिए चयन समिति को बाध्य किया।
चयन समिति की बैठक के दौरान मौजूद डीडीसीए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘डीडीसीए की सीनियर चयन समिति के अध्यक्ष बंटू सिंह और उनके साथी अनिल भारद्वाज इस विवादास्पद फैसले के लिए जिम्मेदार हैं। उस खिलाड़ी के बारे में कोई नहीं जानता। उसने कैसे टीम में जगह बनाई और उसने कितने विकेट लिए हैं। लेकिन हम सभी को पता है कि दो भाई उसे शामिल करने के लिए जोर लगा रहे हैं।’ बंटू सिंह ने हालांकि बेनीवाल के चयन के फैसले का बचाव किया है।
उन्होंने कहा, ‘सिर्फ चयनकर्ताओं ने ही बेनीवाल को नहीं चुना है। यह सामूहिक फैसला था (अधिकारियों और चयनकर्ता का)। हमेशा चयनकर्ताओं पर दोष मढ़ना सही नहीं है। हम काफी लड़कों का चयन प्रदर्शन के आधार पर करते हैं लेकिन तब कोई चयनकर्ताओं की तारीफ नहीं करता। वह नेट गेंदबाज था और सुबोध भाटी के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के कारण हमने उसे मौका देने के बारे में सोचा।’ टीम में क्षितिज शर्मा के चयन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। गुजरात के खिलाफ युवा तेज गेंदबाज सिद्धांत शर्मा के प्रथम श्रेणी पदार्पण करने की उम्मीद है।