आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2020 में सोमवार को पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) के स्टेडियम पर भारत और बांग्लादेश की टीमें आमने-सामने आईं तो सबकी नजरें इस 'एशियाई' जंग पर टिक गईं। मैच में बांग्लादेश महिला टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और 16 रन पर ही भारत को तानिया भाटिया (2) के रूप में पहला झटका लग गया लेकिन एक चीज जस की तस रही। भारत की सबसे युवा खिलाड़ी शेफाली वर्मा का प्रदर्शन। एक बार फिर धुआंधार बल्लेबाजी दिखी। आईसीसी ने भी उनका वीडियो ट्वीट किया और उन्हें 'सुपरस्टार' बताया।
शेफाली वर्मा की धुआंधार पारी
भारत की 16 वर्षीय ओपनर शेफाली वर्मा ने एक बार फिर दिखाया कि उनकी बल्लेबाजी में कितना दम है। इस बल्लेबाज ने 17 गेंदों पर 39 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेल डाली जिसमें 4 छक्के और 2 चौके शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा धुनाई तीसरे ओवर में की जब उनके सामने बांग्लादेशी गेंदबाज जहानारा आलम थीं। इस ओवर में शेफाली ने एक छक्का और दो चौके जड़ने के साथ-साथ तीन रन दौड़कर भी लिए। ओवर की दूसरी गेंद पर लॉन्ग ऑफ पर लगाया गया छक्का सबसे लाजवाब रहा और इस ओवर में 17 रन आए।
इंग्लैंड का पूर्व कप्तान भी रह गया हैरान
शेफाली वर्मा ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी जिसमें उन्होंने 28 गेंदों पर 49 रनों की पारी खेली थी। जबकि मेजबान ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम के खिलाफ ही सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में भी उन्होंने 15 गेंदों पर 29 रनों की पारी खेलकर सबका दिल जीता था। अब तक पूरे टूर्नामेंट में कमेंट्री कर रहे दिग्गज भी उनकी बल्लेबाजी से बहुत प्रभावित हुए हैं। सोमवार को बांग्लादेश के खिलाफ शेफाली की पारी देखकर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन भी खुद को ट्वीट करने से नहीं रोक सके। उन्होंने लिखा, 'ये लड़की वाकई खेल सकती है। शेफाली।'
सचिन को देखकर क्रिकेट खेलना शुरू किया
जब सचिन तेंदुलकर 2013 में हरियाणा के लाहली में अपना आखिरी क्रिकेट मैच (रणजी ट्रॉफी) खेलने उतरे थे, तब 10 साल की शेफाली वहां दर्शकों के बीच बैठी हुई थीं। उस दिन सचिन को देखकर वो इतना प्रभावित हुई कि तय कर लिया था कि एक दिन भारत के लिए खेलूंगी। फिर 5 साल बाद जब अब उन्हें भारतीय टीम में चुन लिया गया और वो सबसे कम उम्र में टी20 डेब्यू करने वाली भारतीय क्रिकेटर बन गईं जबकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (सभी प्रारूप) में डेब्यू करने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।
'लड़का' बनकर भी खेला क्रिकेट
हरियाणा के रोहतक में जन्मी शेफाली वर्मा के पिता क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन सके। तो जब उनकी बेटी ने सपना देखा तो पूरा समर्थन दिया। शुरुआत में उनके साथ ट्रेनिंग की लेकिन जब अकादमी में खेलने की बारी आई तो उनसे कहा गया कि वो वहां नहीं खेल सकतीं क्योंकि लड़कों के बीच उनको चोट लग सकती है और उनकी उम्र कम है। उस दौरान उन्होंने अपने बाल काट लिए थे ताकि लड़का जैसी दिखें और फिर स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भी खेला। लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन क्रिकेट की दीवानगी में शेफाली इस संघर्ष से भी गुजरीं और कम उम्र में भारत की तरफ से खेलने का सपना पूरा किया।