- शेन वॉटसन ने स्लेजिंग की शुरुआत की थी जब वहाब रियाज बल्लेबाजी करने उतरे थे
- वहाब रियाज ने फिर वॉटसन पर शॉर्ट गेंदों से हमला किया था
- ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच 2015 विश्व कप का क्वार्टर फाइनल खेला जा रहा था
एडिलेड: 20 मार्च 2015 मेजबान ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच 2015 विश्व कप का क्वार्टर फाइनल मुकाबला एडिलेड में खेला गया। जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क ने धारदार गेंदबाजी करके पाकिस्तान को महज 213 रन पर समेट दिया। मगर पाकिस्तान की पारी के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिससे यह मुकाबला एकतरफा होने के बजाय काफी रोमांचक बन गया।
पाकिस्तान की पारी के 34वें ओवर की आखिरी गेंद पर शाहिद अफरीदी आउट हो गए, जिसका मतलब पुछल्ले बल्लेबाजों का क्रीज पर आना शुरू हुआ। स्टार्क 2015 विश्व कप में अपने शबाब पर थे और यह पता ही था कि निचलेक्रम के बल्लेबाजों पर यॉर्कर के हमले होने हैं। वहाब रियाज क्रीज पर थे। वह लगभग इस तरह की घातक गेंदों पर किसी तरह अपना विकेट बचाने में कामयाब हो रहे थे, लेकिन गेंद पर उनके बल्ले का संपर्क नहीं हो रहा था। रियाज गेंद पर बीट हो तो ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने चिर-परिचित अंदाज में उन्हें कुछ बोल-बोलकर परेशान करती।
वॉटसन ने की स्लेजिंग की शुरुआत
करीबी फील्डर्स ने वहाब को सलाह देते हुए कहा, 'एक काम करो। लंबा शॉट खेलने का प्रयास करो।' वहाब के बल्ले का गेंद से अच्छे से संपर्क नहीं हो पा रहा था। कुछ पल बाद ही शेन वॉटसन स्लिप से आकर रियाज से बोले- 'क्या तुमने बल्ला पकड़ा भी है?' और यहां से मुकाबले का रोमांच अपने चरम पर पहुंचना शुरू हुआ।
वॉटसन और रियाज के बीच जमकर स्लेजिंग का दौरा चला और फिर गेंद व बल्ले से गजब की प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिली। फैंस भी उत्साहित हो उठे और इस पल से ही मैच के क्लाइमेक्स सीन के बारे में बात करने लगे।
वहाब का वो घातक स्पेल
जल्द ही वो पल आ गया। वहाब रियाज अपनी गेंदों से शेन वॉटसन को परेशान करने लगे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने तत्कालीन कप्तान माइकल क्लार्क को अपना शिकार बनाकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 59/3 कर दिया। यहां से ऐसा लगा कि कुछ और विकेट निकालकर पाकिस्तान की टीम ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में ही दबौच लेगी। वहाब रियाज किसी शेर की तरह दौड़कर आ रहे थे और फिर दहाड़ लगाकर शेन वॉटसन को गेंदें डाल रहे थे। वॉटसन इन गेंदों पर बल्ला तक नहीं अड़ा पा रहे थे। रियाज ने वॉटसन को अपनी गति से मात दी और फिर उनके चेहरे के सामने जाकर ताली बजाने लगे।
150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के सामने लगा कि वॉटसन कोई क्लब बल्लेबाज हो। वॉटसन को वहाब द्वारा की गई पहली 9 गेंदें खाली रही। अन्य 12 गेंदों पर भी पूर्व कंगारू ऑलराउंडर सहज नजर नहीं आए। अगर राहत अली वह कैच नहीं छोड़ते तो वॉटसन पाक गेंदबाज के खिलाफ जंग हार चुके होते। यह विश्व कप का सबसे रोमांचक और बेहतरीन गेंदबाजी स्पेल था। वहाब ने वॉटसन को अपनी तरह की दवाई का स्वाद चखाया।
इस घटना को याद करते हुए वहाब ने कहा, 'जब वॉटसन बल्लेबाजी करने उतरे, तो मैं उनसे हिसाब बराबर करना चाहता था। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो वॉटसन मेरे पास आकर बोले- क्या तुमने बल्ला पकड़ा भी है? यह मेरे दिमाग में घूम रहा था। मैं उनको बताना चाहता था कि बल्ला हाथ में होने के बावजूद गेंद पर बल्ला अड़ाना आसान नहीं।'