- भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहला वनडे
- इस मैच से वेंकटेश ने डेब्यू वनडे किया
- उन्हें मैच में गेंदबाजी का मौका नहीं मिला
दक्षिण अफ्रीकी टीम बुधवार को वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाने में कामयाब हो गई। मेजबान टीम ने भारत को पहले वनजे में 31 रन से शिकस्त दी। एक तरफ भारतीय टीम की हार पर चर्चा तो हो ही रही है तो दूसरी तरफ क्रिकेट विशेषज्ञ एक बात को लेकर काफी हैरान हैं कि ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर को मैच में गेंदबाजी करने का मौका नहीं दिया गया। अय्यर का यह डेब्यू वनडे था। बता दें कि रस्सी वैन डेर ड्यूसेन (नाबाद 129) और तेम्बा बावुमा (110) ने चौथे विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी की थी। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि जब मुख्य गेंदबाज सफलता नहीं दिला पा रहे थे तो अय्यर को आजमाना चाहिए था।
शिखर धवन ने 'सुलझाई पेचीदा उलझन'
वहीं, वेंकटेश अय्यर को एक भी ओवर नहीं जाने का सवाल का जब शिखर धवन के सामने रखा गया तो सलामी बल्लेबाज ने खुलकर टीम का पक्ष रखा। मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले धवन (79) ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बावुमा-ड्यूसेन की पार्टनरशिप को तोड़ा अहम था, जिसके चलते मुख्य गेंदबाजों की ओर किया गया। साथ ही स्पिनर भी अच्छा कर रहे थे। ऐसे मेंअय्यर को बॉलिंग का अवसर नहीं मिल सका।
धवन ने कहा, 'हमें अय्यर से बॉलिंग करवाने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि स्पिनरों ने अच्छा प्रदर्शन किया और विकेट में थोड़ा टर्ना भी था। पारी के आखिर में ज्यादातर तेज गेंदबाजों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब बीच के ओवरों में विकेट नहीं गिर रहा था तो हमारी सोच मुख्य गेंदबाजों को वापस लाने की रही ताकि सफलता मिल सके। हालांकि, हमें सफलता नहीं मिली। अंत में मुख्य गेंदबाजों को लाना महत्वपूर्ण होता हैं तो फिर हमने स्पिनरों का उपयोग किया।'
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बल्लेबाजी में कमाल नहीं दिख पाए वेंकटेश
वेंकटेश अय्यर को भले ही गेंदबाजी करने का मौका ना मिला हो लेकिन वह बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए। छठे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे अय्यर 7 गेंदों में सिर्फ 2 रन बनाकर लुंगी एनगिडी का शिकार बन गए। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका ने 297 रन का टारगेट दिया था, जिसके जवाब में टीम इंडिया 8 विकेट पर 265 रन ही बना पाई।