- श्रेयस अय्यर ने बताया कि टीम इंडिया में जगह पाने के लिए कितना संघर्ष किया
- अय्यर अब सीमित ओवर क्रिकेट में नंबर-4 के उपयुक्त बल्लेबाज बन गए हैं
- अय्यर ने बताया कि नजरअंदाज होने पर वह कितना निराश हुए थे
मुंबई: टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान पावर हिटर के रूप में बनाई थी। मगर मुंबई के युवा बल्लेबाज को भारतीय टीम में जगह पाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। 2017 में वनडे डेब्यू करने के बावजूद अय्यर उन दावेदारों की लिस्ट में शामिल नहीं हो सके, जो पिछले साल विश्व कप में नंबर-4 पर जिम्मेदारी संभाल सके। मगर पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन की बदौलत अय्यर ने नंबर-4 पर अपने आप को स्थापित कर लिया और अब ऐसा लगता है कि वह भारत के लिए लंबे समय तक इस क्रम पर बल्लेबाजी करेंगे।
क्रिकबज के कार्यक्रम में अय्यर ने राष्ट्रीय टीम के लिए लगातार नजरअंदाज किए जाने पर हुई निराशा के बारे में खुलासा किया। उन्होंने यह भी बताया कि बल्लेबाजी में क्या बदलाव करने से उन्हें पहचान मिली। अय्यर ने कहा, 'जब मैंने दूसरे घरेलू सीजन में 1300 रन बनाए, तब भारतीय टीम में मेरा चयन नहीं हुआ जबकि उम्मीद थी कि मुझे चुना जाएगा। मैं देख रहा था कि अन्य खिलाड़ियों का चयन हो रहा है, जबकि उनका प्रदर्शन मेरी तुलना में शानदार नहीं था।'
ज्यादा आक्रमकता बनी मुसीबत
अय्यर ने कहा, 'मुझे लगा कि चयनकर्ताओं से जाकर पूछना चाहिए कि मुझमें क्या कमी है। मैं उनके पास गया तो जानने को मिला कि मैं अति आक्रामक खिलाड़ी हूं। शीर्ष स्तर पर अगर कोई मुझे अच्छी गेंदबाजी करे तो उस समय मैं उसके सामने नहीं टिक पाउंगा। मुझे लगा कि जिस तरह वह चाहते हैं, वैसा बदलाव अपनी बल्लेबाजी में करूं। देखते हैं कि इससे क्या मदद मिलेगी। मुझे एहसास हुआ कि अगर ज्यादा देर क्रीज पर रहूंगा तो निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर सकूंगा।'
यह पूछने पर कि जब टीम इंडिया से नजरअंदाज किए गए तो क्या महसूस हुआ। इस पर मुंबई के युवा बल्लेबाज ने जवाब दिया, 'मैं बहुत गुस्सा था। बहुत नाराज था। मैं हमेशा खुद को चयन नहीं होने के लिए कोसता था। फिर मुझे एहसास हुआ कि इसके बारे में ज्यादा ही सोच रहा हूं। मैं अपनी जिंदगी और अपनी बल्लेबाजी का आनंद उठाउंगा। उसी समय मुझे अपने क्रिकेट का आनंद उठाना है। जब आप खेल का आनंद लेते हैं तो आप लगातार रन बनाते हैं। मैं अपना काम किया और ढेरो रन बनाए। मुझे पता था कि एक दिन जरूर चयन होगा।'
कुछ खास महसूस नहीं हुआ
अय्यर ने स्वीकार किया कि जब भारतीय टीम की डेब्यू कैप मिली तो वह ज्यादा भावुक नहीं हुए क्योंकि उन्हें लगता था कि यह बहुत पहले मिल जाना चाहिए थी। उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो जब भारतीय टीम की कैप मिली तो मैं ज्यादा भावुक नहीं हुआ। मुझे लगा कि पहले ही मिल जाना चाहिए थी। जब मुझे कैप मिला तो लगा ठीक है। इतना कुछ फील नहीं हुआ मुझे।'