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एमएस धोनी और सौरव गांगुली में से बेहतर कप्‍तान कौन? पार्थिव पटेल ने तोड़ी चुप्‍पी

Updated Jul 20, 2020 | 09:39 IST

Parthiv Patel on Indian captains: एमएस धोनी और सौरव गांगुली भारत के दो सबसे सफलतम कप्‍तानों में शामिल हैं। पार्थिव पटेल ने हाल ही में सर्वकालिक महानतम भारतीय कप्‍तान की बहस पर अपने विचार प्रकट किए।

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सौरव गांगुली और एमएस धोनी
मुख्य बातें
  • सौरव गांगुली और एमएस धोनी भारत के दो सबसे कप्‍तानों में से एक हैं
  • एमएस धोनी दुनिया में आईसीसी की तीनों ट्रॉफियां जीतने वाले एकमात्र कप्‍तान हैं
  • गांगुली के नेतृत्‍व में भारत ने 2002 नेटवेस्‍ट ट्रॉफी जीती और चैंपियंस ट्रॉफी में संयुक्‍त विजेता बना

नई दिल्‍ली: सौरव गांगुली और एमएस धोनी भारत के दो सबसे सफल कप्‍तान माने जाते हैं। गांगुली ने साल 2000 के समय भारतीय टीम की कमान संभाली जब मैच फिक्सिंग के कारण देश में क्रिकेट पर से लोगों का विश्‍वास उठ रहा था। गांगुली के नेतृत्‍व में भारतीय क्रिकेट टीम ने सभी प्रारूपों में सफलता प्राप्‍त करते हुए फैंस का दोबारा दिल जीता और क्रिकेट की जीत हुई। वहीं धोनी ने कप्‍तान के रूप में सबकुछ जीता। गांगुली और धोनी दोनों की कप्‍तानी की स्‍टाइल एकदम जुदा है, लेकिन दोनों ही अपने खिलाड़‍ियों से सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन निकालने के लिए जाने जाते हैं।

गांगुली के नेतृत्‍व में भारतीय टीम ने 2002 नेटवेस्‍ट सीरीज जीती। वहीं भारत चैंपियंस ट्रॉफी में श्रीलंका के साथ संयुक्‍त विजेता बना। गांगुली की कप्‍तानी में भारतीय टीम 2003 विश्‍व कप के फाइनल तक पहुंची, जहां उसे ऑस्‍ट्रेलिया के हाथों शिकस्‍त झेलनी पड़ी। वहीं धोनी दुनिया के एकमात्र कप्‍तान हैं, जिन्‍होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफियां जीती। धोनी के नेतृत्‍व में भारत ने 2007 वर्ल्‍ड टी20, 2011 विश्‍व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। सीमित ओवर क्रिकेट में आंकड़ों के लिहाज से धोनी सबसे सफल भारतीय कप्‍तान बने।

हाल ही में अनुभवी भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने धोनी बनाम गांगुली विवाद पर अपनी चुप्‍पी तोड़ी और मौजूदा बीसीसीआई अध्‍यक्ष को ज्‍यादा प्रभावी कप्‍तान करार दिया। पटेल ने कहा कि गांगुली ने कड़े समय में टीम का निर्माण किया और विदेशों में महत्‍वपूर्ण जीत दर्ज की।

एक के पास ज्‍यादा ट्रॉफी तो दूसरे ने टीम बनाई: पटेल

स्‍टार स्‍पोर्ट्स शो क्रिकेट कनेक्‍टेड में बातचीत करते हुए पटेल ने कहा, 'दोनों कप्‍तानों के बीच प्रतिस्‍पर्धा जायज है। एक कप्‍तान के पास ज्‍यादा ट्रॉफियां हैं जबकि दूसरे कप्‍तान ने टीम का निर्माण किया। जब सौरव गांगुली 2000 में कप्‍तान बने, तो भारतीय क्रिकेट मुश्किल समय से गुजर रहा था। वहां से उन्‍होंने टीम बनाई और विदेशों में जीत दर्ज की। ऐसा नहीं कि हम पहले विदेशों में नहीं जीते, लेकिन हमने बड़े टेस्‍ट मैच जैसे ऑस्‍ट्रेलिया में हेडिंग्‍ले और फिर पाकिस्‍तान में जाकर सीरीज जीती।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'अगर आप दक्षिण अफ्रीका में हुए 2003 विश्‍व कप की बात करो तो किसी को उम्‍मीद नहीं थी कि भारतीय टीम फाइनल में पहुंचेगी। अगर आप धोनी की बात करें तो उनके पास कई ट्रॉफियां हैं। वह कई ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्‍तान हैं। मेरे विचार में अगर मुझे वोट डालना हुआ तो दादा के पक्ष में करूंगा क्‍योंकि उन्‍होंने खराब स्थिति से टीम का निर्माण किया।'

आंकड़ों में कौन भारी

हालांकि, जब आंकड़ों की बात आती है तो वनडे और टेस्‍ट दोनों में गांगुली पर धोनी का पलड़ा भारी नजर आता है। धोनी ने 60 टेस्‍ट में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया, जिसमें टीम ने 27 मैच जीते जबकि 18 गंवाए। वहीं गांगुली ने 50 टेस्‍ट में नेतृत्‍व किया, जिसमें भारत ने 21 मैच जीते जबकि 13 गंवाए। वनडे में गांगुली ने 146 मैचों में से 76 जीत दर्ज की। वहीं धोनी ने 200 वनडे में टीम इंडिया की कमान संभालते हुए 110 जीत दर्ज की।

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