- शेन वॉर्न के निधन पर सुनील गावस्कर ने दी श्रद्धांजलि
- गावस्कर ने तारीफ के साथ-साथ ये भी कहा कि वो वॉर्न को महानतम स्पिनर नहीं मानते
- गावस्कर के बयान की ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में हुई निंदा
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि दिवंगत शेन वॉर्न ने अपने करियर में जादुई गेंदबाजी की लेकिन वह सर्वकालिक महानतम स्पिनर नहीं हैं क्योंकि भारत में उनका प्रदर्शन ‘औसत’ रहा। गावस्कर के इस बयान की टाइमिंग को लेकर हालांकि आस्ट्रेलियाई मीडिया के कुछ हलकों में काफी निंदा हुई है।
वॉर्न ने 1992 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद से आस्ट्रेलिया के लिये 145 टेस्ट खेलकर 708 विकेट लिये । उन्होंने 194 वनडे में 293 विकेट चटकाये। यह पूछने पर कि क्या वॉर्न को वह महानतम स्पिनर मानते हैं, गावस्कर ने कहा कि वह भारतीय स्पिनरों और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन को वॉर्न से ऊपर रखेंगे।
उन्होंने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं कहूंगा । मेरी नजर में भारतीय स्पिनर और मुथैया मुरलीधरन उनसे बेहतर हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि भारत के खिलाफ शेन वॉर्न का रिकॉर्ड औसत रहा है ।भारत में उन्होंने एक ही बार नागपुर में पांच विकेट लिये।’’
गावस्कर ने कहा, ‘‘भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ उन्हें अधिक सफलता नहीं मिली क्योंकि भारतीय स्पिन को बखूबी खेलते हैं । इसलिये मैं उन्हें महानतम नहीं कहूंगा। मुथैया मुरलीधरन भारत के खिलाफ अधिक कामयाब रहे हैं । मैं उन्हें वॉर्न से ऊपर रखूंगा।’’ मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 800 विकेट हैं।
गावस्कर ने वॉर्न की तारीफ भी की लेकिन आस्ट्रेलियाई मीडिया ने उनके बयान की टाइमिंग को लेकर निंदा की है। ‘फॉक्स न्यूज’ ने कहा ,‘‘ यह सही समय नहीं है : भारतीय लीजैंड की वॉर्न के बारे में ‘शर्मनाक’ दावे के लिये आलोचना।’’
‘न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू’ ने कहा, ‘‘गावस्कर का बयान अजीब है क्योंकि उन्होंने खुद स्वीकार किया कि एक गेंदबाज के लिये लेग स्पिन की कला में महारत हासिल करना सबसे कठिन है।’’
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रिपोर्ट में ब्रिटिश पत्रकार जैक मेंडल का ट्वीट भी डाला गया है जिन्होंने कहा, ‘‘सनी यह सही समय नहीं था । इस सवाल को टाला जा सकता था । अभी उसका अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ है।’’
गावस्कर ने वॉर्न की तारीफ भी की है। उन्होंने कहा, ‘‘वॉर्न ने कलाई की स्पिन में महारत हासिल की जो आसान नहीं है । उनके विकेटों की संख्या बताती है कि वह कितने शानदार गेंदबाज थे । ऊंगलियों की स्पिन आसान है लेकिन कलाई की स्पिन या लेग स्पिन काफी कठिन है।’’