- टीम इंडिया के 36वें टेस्ट कप्तान होंगे जसप्रीत बुमराह
- बर्मिंघम टेस्ट की पूर्व संध्या पर बोले बुमराह, धोनी से लेगें कप्तानी की प्रेरणा
- टेस्ट टीम की कमान संभालने की बुमराह मानते हैं करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि
बर्मिंघम: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैच की टेस्ट सीरीज का बकाया पांचवां और आखिरी टेस्ट शुक्रवार से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जाएगा। टीम इंडिया के नियमित कप्तान रोहित शर्मा के कोरोना संक्रमित होने की वजह से भारतीय टीम की कप्तानी संयोगवश तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह करने जा रहे हैं। वो टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की कमान संभालने वाले 36वें खिलाड़ी और पहले विशुद्ध तेज गेंदबाज होंगे।
टेस्ट टीम की कप्तानी करना करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि
टेस्ट क्रिकेट में जनवरी 2018 में पदार्पण करने वाले बुमराह ने कहा, 'भारत के लिये टेस्ट खेलना हमेशा मेरा सपना था और टेस्ट मैच में कप्तानी करना करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुझे खुशी है कि मुझे यह मौका मिला। मुझे खुद पर काफी भरोसा है। हमारा पूरा फोकस मैच पर है और हम पूरी तरह से तैयार हैं। खिलाड़ियों की भूमिका काफी अहम है। विराट की सलाह काफी महत्वपूर्ण होगी।'
एमएस धोनी से लेंगे टीम की कप्तानी की प्रेरणा
टीम की कमान संभालने जा रहे जसप्रीत बुमराह इसे अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उन्होने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से पहले महेंद्र सिंह धोनी की सीख को याद किया जिन्हें कप्तानी का कोई अनुभव नहीं होते हुए भी वह इतने सफल कप्तान बने। गुरुवार शाम बीसीसीआई ने रोहित शर्मा की सुबह की गई जांच के पॉजिटिव आने के बाद बुमराह को कप्तान और ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाए जाने का ऐलान किया।
दबाव में अलह होता है सफलता का मजा
बुमराह ने पांचवें टेस्ट की पूर्व संध्या पर प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा, 'दबाव होने पर सफलता का मजा ही कुछ और होता है। मैं जिम्मेदारियों के लिये हमेशा तैयार हूं और मुझे चुनौतियां पसंद हैं।एक क्रिकेटर के तौर पर आप हमेशा खुद को दबाव के हालात में आंकना चाहते हैं। मैंने कई क्रिकेटरों से बात की है जो समय के साथ निखरते गए हैं।'
टीम की कैसे कर सकता हूं मदद, इस पर है फोकस
बुमराह ने आगे कहा, 'मुझे याद है जब मैंने एमएस (धोनी) से बात की थी। उन्होंने मुझे बताया था कि पहली बार भारत की कप्तानी करने से पहले वह किसी टीम के कप्तान नहीं थे। अब वह सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाते हैं। मैं इस पर फोकस कर रहा हूं कि टीम की मदद कैसे कर सकता हूं। इस पर नहीं कि मैंने पहले क्या किया है या क्रिकेट की परंपरा या नियम कैसे बने हैं।'