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2014 के बाद पूरी तरह बदल गई थी विराट कोहली की बल्‍लेबाजी, ये हैं उनकी जिंदगी के '3 नगीने'

Updated Feb 02, 2021 | 14:37 IST

Virat Kohli: विराट कोहली का 2014 में इंग्‍लैंड दौरा बहुत खराब बीता था। भारत लौटने के बाद कोहली ने अपनी बल्‍लेबाजी में गजब का सुधार किया व दोबारा कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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विराट कोहली
मुख्य बातें
  • विराट कोहली का 2014 इंग्‍लैंड दौरा बहुत खराब बीता था
  • कोहली ने भारत लौटने के बाद अपनी बल्‍लेबाजी में गजब का सुधार किया
  • कोहली अपनी बदली हुई बल्‍लेबाजी का श्रेय 3 लोगों को देते हैं

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली इंग्‍लैंड के खिलाफ 5 फरवरी से शुरू होने वाली चार मैचों की टेस्‍ट सीरीज की तैयारी में जुटे हुए हैं। भारतीय कप्‍तान आधुनिक युग के सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाजों में से एक हैं और उन्‍हें रन मशीन या रिकॉर्ड मशीन जैसे नामों से भी जाना जाता है। कोहली इस समय बल्‍लेबाजी के कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर चुके हैं। महान बल्‍लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को इस समय विराट कोहली से ही खतरा नजर आता है।

विराट कोहली ने अपनी बल्‍लेबाजी पर काफी काम किया, जिसकी बदौलत उन्‍होंने यह मुकाम हासिल किया है। एक समय था, जब कोहली रन के लिए तरस रहे थे और उन्‍हें टीम से बाहर निकालने की मांगें भी उठ रही थीं। तब भी इंग्‍लैंड की टीम ही थी, जिसके खिलाफ भारतीय बल्‍लेबाज ने जमकर संघर्ष किया था। यह घटना 2014 की है, जब भारतीय टीम इंग्‍लैंड दौरे पर गई थी। वहां कोहली ने पांच टेस्‍ट में 13.40 की औसत से रन बनाए थे, जिसमें पांच बार सिंगल डिजिट में आउट हुए थे। फिर कोहली भारत लौटे तो 3 लोगों की मदद से अपनी बल्‍लेबाजी में सुधार किया और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

इनकी सीख विराट कोहली के काम आई

विराट कोहली ने कुछ समय पहले मयंक अग्रावल के साथ बातचीत करते हुए अपनी जिंदगी के 3 नगीने के नाम बताए थे। कोहली ने कहा कि सचिन तेंदुलकर, रवि शास्‍त्री और डंकन फ्लेचर से सलाह लेने के बाद उन्‍होंने अपनी बल्‍लेबाजी में छोटे बदलाव किए, जिससे वह ज्‍यादा बेहतर बल्‍लेबाज बने। कोहली ने कहा था, 'इंग्‍लैंड दौरे (2014) पर मेरे कूल्‍हे की पोजीशन परेशानी बनी थी। दरअसल, यह परिस्थिति के मुताबिक खुद को नहीं ढालने वाली बात थी और मैं जो करना चाहता था, वैसा हो नहीं पा रहा था। आप अगर एक ही तकनीक पर अड़े रहोगे तो आप आगे नहीं बढ़ पाओगे। यह लंबा और दर्दभरा एहसास था, लेकिन मुझे महसूस हुआ।'

कोहली ने बताया था, 'मैं इंग्‍लैंड से लौटा और सचिन पाजी से बात की और मुंबई में उनके साथ कुछ नेट सेशन किए। मैंने उन्‍हें बताया कि मैं अपने हिप पोजीशन पर काम कर रहा हूं। उन्‍होंने मुझे लंबा पैर निकालने का महत्‍व समझाया। तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी लंबा पैर निकालने के फायदे बताए। जिस पल से मैंने हिप को ठीक करके ऐसा करना शुरू किया, तो अचानक सब बदलने लगा और मैं ज्‍यादा विश्‍वास से भर गया। फिर ऑस्‍ट्रेलिया दौरा आया।'

शास्‍त्री और फ्लेचर की सलाह भी आई काम

विराट कोहली ने 2014 इंग्‍लैंड दौरे के बाद अपना स्‍टांस भी बदला था। तब टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्‍त्री ने कोहली को अपने कमरे में बुलाकर इसकी सलाह दी थी। कोहली ने बताया था, 'रवि शास्‍त्री ने मुझे और शिखर धवन को अपने कमरे में बुलाया। शिखर को भी रवि भाई से कुछ पूछना था। रवि ने मुझे कहा कि क्रीज के बाहर खड़े होना शुरू करो और उनके पीछे की मानसिकता भी बताई। शास्‍त्री ने कहा- आप जो शॉट खेलोगे तो अपनी जगह को लेकर नियंत्रित रहोगे और गेंदबाजों को आपको आउट करने के ज्‍यादा मौके नहीं मिलेंगे। जब आप क्रीज के बाहर होते हो तो कई तरह के आउट करने के मौके किनारे हो जाते हैं और आपको समझ आता है कि किस पोजीशन में आप हैं। मैंने ऑस्‍ट्रेलिया में इसका अभ्‍यास किया और नतीजे अविश्‍वसनीय रहे।'

विराट कोहली ने ऑस्‍ट्रेलिया 2014-15 दौरे पर 86.50 की औसत से 692 रन बनाए थे। इसके अलावा विराट कोहली की जिंदगी के तीसरे नगीने बने डंकन फ्लेचर। कोहली ने कहा कि डंकन फ्लेचर से बातचीत करके उन्‍होंने बड़ा स्‍टांस रखना शुरू किया। कोहली ने कहा कि फ्लेचर के पास खेल की गजब समझ है। उनके साथ काम करके मजा आया। चौड़े स्‍टांस के बारे में मैंने उन्‍हीं से बात की थी, जिससे मेरा संतुलन ठीक हुआ और रन बना पाया। 

भारतीय कप्‍तान ने कहा, 'फ्लेचर ने मुझसे पूछा- जिस तरह मैं पहले शॉर्ट गेंद को खेलता था, वैसा ही चौड़ा स्‍टांस रखने के बाद सहज महसूस कर रहा हूं? मैं अच्‍छा महसूस कर रहा था। फ्लेचर ने कहा कि अब चौड़ा स्‍टांस आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। और ऐसा ही हुआ।' तो भारतीय कप्‍तान विराट कोहली की जिंदगी इन 3 महत्‍वपूर्ण लोगों के कारण बदली कि 2014 की नाकामी के बाद उन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और धमाकेदार प्रदर्शन करते रहे।

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