नई दिल्ली: हर टीम के साथ एक सपोर्ट स्टाफ होता है जिसमें कोच से लेकर तमाम अन्य विभागों के एक्सपर्ट मौजूद होते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम का सपोर्ट स्टाफ भी शानदार है और विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने जो भी सफलताएं हासिल कीं, उसमें पर्दे के पीछे मौजूद सपोर्ट स्टाफ की भी अहम भूमिका रही है। सपोर्ट स्टाफ के ऐसे ही एक चेहरे के बारे में विराट कोहली ने बात की जिसके दम पर टीम इंडिया के बल्लेबाज तेज रफ्तार गेंदबाजों का सामना करने को तैयार हो पाते हैं। ये हैं टीम के थ्रोडाउन विशेषज्ञ डी राघवेंद्र, जिन्हें रघु नाम से भी जाना जाता है।
कप्तान विराट कोहली का मानना है कि थ्रोडाउन विशेषज्ञ डी राघवेंद्र की साइडआर्म से थ्रो करते हुए 150-155 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार हासिल करने से भारतीय बल्लेबाजों को हाल के वर्षों में तेज गेंदबाजी के खिलाफ सुधार करने में काफी मदद मिली। गौरतलब है कि टीम इंडिया में ऐसा कोई गेंदबाज नहीं है जो लगातार 150 से ऊपर की रफ्तार से नेट्स में गेंदबाजी कर सके, ऐसे में रघु लगातार थ्रोडाउन देकर भारतीय बल्लेबाजों को तेज गेंदों वाला अनुभव देते हैं।
क्या है 'साइडआर्म'
साइडआर्म एक क्रिकेट उपकरण है जो लंबे चम्मच की तरह होता है और इसके एक हिस्से को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इससे गेंद को पकड़ा जाए और तेज गति से फेंका जाए। पहले के जमाने में क्रिकेटर्स के पास ऐसी सुविधाएं मौजूद नहीं होती थी लेकिन आज बदलती तकनीक के साथ-साथ नए-नए उपकरण खेल जगत में उपयोग में लाए जाते हैं। बल्लेबाज कभी साइडआर्म के जरिए थ्रोडाउन पर अभ्यास करते हैं तो कभी उनके लिए बॉलिंग मशीन भी मौजूद रहती है।
ये है रघु की खासियत
विराट कोहली ने बांग्लादेश के स्टार बल्लेबाज तमीम इकबाल से इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान रघु के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि इस भारतीय टीम ने 2013 से तेज गेंदबाजी का सामना करते हुए जो सुधार दिखाया है वो रघु (राघवेंद्र) के कारण है। खिलाड़ियों के फुटवर्क, बल्ले की मूवमेंट को लेकर उसे अच्छी समझ है। उसने अपने कौशल में इतना इजाफा किया है कि साइडआर्म के साथ आसानी से 155 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंक सकता है।’ कोहली ने कहा, ‘‘नेट पर रघु का सामना करने के बाद जब आप मैच में जाते हो तो आपको महसूस होता है कि गेंद खेलने के लिए आपके पास काफी समय है।’ रघु के अलावा भारतीय सपोर्ट स्टाफ में कोच रवि शास्त्री का साथ देने के लिए बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ और गेंदबाजी कोच भरत अरुण भी मौजूद हैं। रघु की मौजूदगी से भरत अरुण का काम भी काफी हद तक आसान हो जाता है।