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विराट कोहली ने सुनाया डीटीसी बस का किस्‍सा, कहा- मैंने बस में स्‍टाफ बोला, फिर कंडक्‍टर ने पूछा...

Updated May 19, 2020 | 09:54 IST

Virat Kohli and Sunil Chhetri: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्‍तान ने कोहली से पूछा था कि क्‍या आपने कभी बस में बिना टिकट के सफर किया है। फिर भारतीय क्रिकेट कप्‍तान ने सुनाया ये मजेदार किस्‍सा।

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विराट कोहली
मुख्य बातें
  • विराट कोहली ने सुनील छेत्री को इंस्‍टाग्राम पर सुनाया मजेदार किस्‍सा
  • छेत्री ने कोहली से पूछा था कि आपने कभी बिना टिकट बस का सफर किया
  • भारतीय बल्‍लेबाज ने कहा कि वह बस या फिर साइकिल से प्रैक्टिस सेशन्‍स पर जाते थे

नई दिल्‍ली: विराट कोहली देश के सबसे खिलाड़‍ियों में से एक हैं। मगर दिल्‍ली में जन्‍में क्रिकेटर की पृष्‍ठभूमि काफी साधारण रही है। वह मिडिल क्‍लास परिवार के सदस्‍य रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान विराट कोहली ने हाल ही में भारतीय फुटबॉल टीम के कप्‍तान सुनील छेत्री के साथ इंस्‍टाग्राम लाइव पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों खिलाड़‍ियों ने दिल्‍ली में बस से यात्रा करने के अपने अनुभवों को साझा किया। 

भारतीय बल्‍लेबाज ने खुलासा किया कि वह प्रैक्टिस सेशन्‍स के लिए या तो बस या फिर साइकिल से जाते थे। उन्‍होंने साथ ही कहा कि फिरोजशाह कोटला (अब अरुण जेटली स्‍टेडियम) में मैच होता था तो उनके पिता उन्‍हें छोड़ते थे। कोहली ने कहा, 'मैंने बस में खूब यात्रा की है। मेरे पास बस के लिए एकेडमी पास था। मेरे पास एक साइकिल भी थी, जिसमें पीछे कैरियर था। बाद में मैंने एक डफल बैग लिया ताकि दोनों तरफ अपने बल्‍ले रख सकूं। मगर मेरे पिता मुझे कुछ मैचों में छोड़ने जाया करते थे। जब मेरा मैच कोटला पर होता था तो मेरे पिता मुझे छोड़ते थे क्‍योंकि वह हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे।'

नहीं कर पाया चीटिंग

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्‍तान ने कोहली से पूछा कि कभी आपने बिना टिकट बस में यात्रा की? इस पर भारतीय क्रिकेट कप्‍तान ने कहा कि वह भी बस कंडक्‍टर के सामने झूठ नहीं बोल सके कि वो स्‍टाफ सदस्‍य हैं। कोहली ने कहा कि उनमें कभी इस तरह का विश्‍वास ही नहीं रहा कि वे झूठ बोल सके। कोहली ने कहा, 'नहीं मैंने ऐसा नहीं किया। लोग मेरे चेहरे को देखने के बाद मुझे गंभीरता से नहीं लेते थे। मैं अगर उन्‍हें कहूं कि स्‍टाफ सदस्‍य हूं तो तुरंत पकड़ लेते थे कि मैं झूठ बोल रहा हूं।'

कोहली ने आगे कहा, 'स्‍टाफ सदस्‍यों की एक पर्सनालिटी होती है, जिसके तहत वह बस में जाते हैं, लेकिन मेरे अंदर वो नहीं था। मैंने एक बार कंडक्‍टर को कहा कि मैं स्‍टाफ सदस्‍य हूं, लेकिन कंडक्‍टर ने मुझसे ऐसा सवाल किया कि मुझे बस से उतरना पड़ा। मैंने कभी कंडक्‍टर से झूठ बोलकर कि स्‍टाफ सदस्‍य हूं यात्रा नहीं की। मगर मैंने अन्‍य लड़कों को देखा कि उनमें एक अलग ही तरह का विश्‍वास था।'

वहीं सुनील छेत्री ने खुलासा किया कि उन्‍होंने भी बस में खूब यात्रा की है। उन्‍होंने कहा कि वह जोखिम उठाकर बस में बिना टिकट यात्रा करने की कोशिश करते थे, यह सोचकर कि अगर पकड़ा गए तो ज्‍यादा नुकसान नहीं होगा। छेत्री ने बताया कि उन्‍होंने ऐसा तब तक किया, जब तक जुर्माना नहीं बढ़ाया गया। भारतीय फुटबॉल कप्‍तान ने कहा, 'मैं तो डीटीसी बस में बिना टिकट कई बार घूमा हूं। उस समय जुर्माना 20 रुपए था। मगर मैं 20 रुपए को पॉकेट मनी मानकर चलता था। जब कभी पकड़ा जाऊं तो जुर्माना भर देता था। ऐसा कुछ समय चला फिर मैं पकड़ा गया। मैंने जुर्माना भर दिया। फिर जुर्माने की रकम बढ़ाकर 50 रुपए कर दी, तब मैंने यह करना बंद कर दिया।'

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