- भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज
- पहले टेस्ट में टीम इंडिया की हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने खुद के फॉर्म पर भी बयान दिया
- पिछली 9 अंतरराष्ट्रीय पारियों से विराट कोहली का बल्ला शांत नजर आ रहा है
वेलिंगटन: भारतीय टीम में किसी का बल्ला चले या ना चले लेकिन दर्शकों व फैंस को जिस एक खिलाड़ी से हमेशा बड़ी उम्मीदें रहती हैं, वो हैं कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli)। कुछ ही समय पहले तक विराट कोहली का बल्ला इस कदर गरज रहा था कि हर अगले मैच में कुछ बड़ा होता दिखता था। ये सिलसिला सालों से बिना रुके चल रहा था लेकिन हाल में कुछ अजीब होना शुरू हुआ है। काफी समय से उनका बल्ला पहले की तरह आग नहीं उगल रहा है और अब सवाल उठने लगे हैं। सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली हार के बाद विराट ने अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर भी बयान दे डाला।
कप्तान कोहली न्यूजीलैंड दौरे पर अपनी फॉर्म को लेकर परेशान नहीं हैं और उनका मानना है कि इस पर बहुत अधिक सोचने से उनके दिमाग पर अनावश्यक बोझ ही बढ़ेगा। न्यूजीलैंड का दौरा हाल के समय में पहला ऐसा विदेशी दौरा है जिसमें कोहली का बल्ला नहीं चल पाया है। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों (वनडे, टी20 और टेस्ट) की पिछली 9 पारियों में केवल एक अर्धशतक लगाया है।
ये हैं उनके आंकड़े, अब आया बयान
विराट कोहली ने टी20 की चार पारियों में 45, 11, 38, 11, तीन वनडे मैचों में 51, 15, 09 और पहले टेस्ट मैच में 02 और 19 रन बनाये। जब पहले टेस्ट में हार के बाद विराट कोहली से पूछा गया कि वो खुद के बल्लेबाजी प्रदर्शन का आकलन कैसे करते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से ठीक हूं। मैं वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं। मुझे लगता है कि कई बार स्कोर आपके बल्लेबाजी करने के तरीके को नहीं दर्शाता और ऐसा तब हो सकता है जब आप उस काम को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाते जिसे आप अच्छा करना चाहते हैं।’
अधिक सोचा तो नुकसान है
दुनिया के व्यस्ततम क्रिकेटरों में से एक कोहली ने कहा कि तीन चार पारियों में असफलता चिंता का कारण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देखिये जब आप बहुत अधिक क्रिकेट खेलते हो और आप इतने लंबे समय तक खेलते हो तो निश्चित तौर पर बीच में तीन चार पारियां आपके अनुकूल नहीं होती हैं। अगर आप इस बारे में बहुत अधिक सोचते हो तो इससे नुकसान ही होगा।’
लोगों की परवाह नहीं
विराट इस बात को तवज्जो नहीं देते कि लोग हार को लेकर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं और यही सिद्वांत वह अपनी बल्लेबाजी को लेकर चल रही चर्चा पर भी लागू करते हैं।उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि एक अच्छी पारी से बाहर से हो रही प्रतिक्रियाएं बदल जाएंगी। लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता। अगर मैं बाहरी लोगों की तरह सोचने लगा तो संभवत: इस समय मैं बाहर होता।’
न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम की शुरुआत जबरदस्त रही थी जब टीम ने 5 मैचों की टी20 सीरीज में 5-0 से क्लीन स्वीप करके इतिहास रचा था लेकिन उसके बाद तीन वनडे मैचों की सीरीज में 0-3 से करारी हार और अब दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला गंवा देने से टीम व कप्तान के फैसलों पर धीरे-धीरे सवाल उठने शुरू हो गए हैं।