वेलिंगटन: भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ बेसिन रिजर्व मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच 10 विकेट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम के लिए इस मैच में कुछ भी अनुकूल नहीं रहा और उसके खिलाड़ी प्रभावी प्रदर्शन में कामयाब नहीं रहे। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने कीवी गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए। भारतीय बल्लेबाज दोनों पारियों में 200 का आंकड़ा नहीं छू सके। भारतीय टीम पहली पारी में महज 165 रन जबकि दूसरी पारी में पर 191 बनाकर ढेर हो गई। वहीं, कीवी टीम पहली पारी में 348 रन बनाकर 183 रन की मजबूत बढ़त लेने में कामयाब रही थी जिससे मेहमान टीम काफी दबाव में आ गई। विराट 'सेना' न्यूजीलैंड को जीत के लिए सिर्फ 9 रन का ही लक्ष्य दे पाई थी जो उसने बिना विकेट खोए बना हासिल कर लिया।
भारतीय बल्लेबाज डटकर सामने नहीं कर पाए
भारत की ओर से सिर्फ दो ही बल्लेबाज थे जो कीवी गेंदबाजों का डटकर मुकाबला कर पाए। ये थे सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे। अग्रवाल ने पहली पारी में 34 और दूसरी पारी में 58 रन की पारी खेली। दूसरी तरफ, रहाणे ने पहली पारी में 46 और दूसरी पारी में 29 रन बनाए। अग्रवाल इकलौते बल्लेबाज थे जिन्होंने भारत की ओर से पूरे मैच में अर्धशतक जड़ा। भारतीय बल्लेबाजों के वेलिंगटन टेस्ट में प्रदर्शन से कप्तान विराट कोहली खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी हमारी खासियत रही है लेकिन हम उसमें पूरी तरह नाकाम रहे। उन्होंने साथ ही कहा कि हम अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं मगर पहली पारी में कीवी टीम के आखिरी 3 विकेट जल्दी नहीं गिरा पाने का कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना पड़ा।
'मैच में हम प्रतिस्पर्धी नहीं थे'
कोहली ने कहा कि टॉस काफी अहम रहा। हम एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में प्रतिस्पर्धी होने पर बहुत गर्व करते हैं लेकिन इस मैच में हम प्रतिस्पर्धी नहीं थे। मुझे नहीं लगता कि हमने कीवी गेंदबाजों को पर्याप्त दबाव में रखा। अगर 220 या 230 से अधिक रन होते तो कुछ अलग बात होती। अगर हम आखिरी के तीन विकेट जल्द गिरा देते तो भी स्कोर कम होता। पहली पारी की वजह से वास्तव में हम खेल में पीछे हो गए और कीवी टीम की बढ़त ने हमें दबाव में ला दिया। बतौर गेंदबाजी आक्रमण हम लंबे समय से अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। 7 विकेट तक हम बहुत अच्छे थे। इसके बाद विकेट बेहतर हुआ। आखिरी 3 विकेटों और उन 120 रनों ने भारी नुकसान पहुंचाया और हमें खेल से बाहर कर दिया।
'हमने एक अच्छा प्रयास किया'
भारतीय कप्तान ने कहा कि कुल मिलाकर हमने एक अच्छा प्रयास किया लेकिन फिर भी और अधिक बेहतर हो सकते हैं। गेंदबाजों ने खुद को आंक लिया है। ऐसे में ज्यादा कहने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है। आपको खिलाड़ियों पर अधिक सख्त होने की जरूरत नहीं है। पृथ्वी ने घर के बार केवल दो गेम खेले हैं। वह एक स्वाभाविक स्ट्रोकमेकर है और रन बनाने के लिए चीजों का पता लगाएगा। मयंक दोनों पारियों में शानदार रहे। मयंक और अजिंक्य सिर्फ दो बल्लेबाज थे जिन्हें कुछ गति बनाए रखी। हमें बस एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में अपने खासियत पर डटे रहने की आवश्यकता है।