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जब Saqlain Mushtaq ने Sachin Tendulkar के साथ की स्लेजिंग, फिर मांगी माफी

Updated Apr 25, 2020 | 11:48 IST

Saqlain Mushtaq sledged against Sachin Tendulkar: पाकिस्तान के पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने सचिन तेंदुलकर से जुड़ा किस्सा साझा किया है इस वाकये के बाद उन्होंने सचिन के खिलाफ कभी स्लेजिंग नहीं की।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Sachin tendulkar
मुख्य बातें
  • सकलैन मुश्ताक ने सचिन तेंदुलकर के खिलाफ साल 1997 में की थी स्लेजिंग
  • इसके बाद उन्हें सचिन से व्यक्तिगत तौर पर मांगनी पड़ी माफी
  • इस घटना के बाद सकलैन ने सचिन के खिलाफ कभी नहीं की स्लेजिंग

नई दिल्ली: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर शुक्रवार को 47 साल के हो गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चल रहे विश्वव्यापी लॉकडाउन के बीच दुनियाभर से सचिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं मिलीं। हर किसी ने इस अवसर पर उनके साथ जुड़ी अपनी यादों को ताजा किया और पुराने किस्से साझा किए। ऐसा ही एक किस्सा पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने भी सुनाया जब उन्होंने सचिन तेंदुलकर पर दबाव डालने के लिए स्लेजिंग की कोशिश की थी। 

साल 1997 में हुआ था वाकया
ये वाकया साल 1996-97 का कनाडा के टोरंटो में खेले जा रहे सहारा कप का है। सचिन और सकलैन के बीच नब्बे के दशक में मैदान पर बहुत सी भिड़ंत हुईं। जिसने चिरप्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच खेले जाने वाले मुकाबलों का रोमांच बढ़ा दिया था। लेकिन सकलैन की सचिन के खिलाफ स्लेजिंग की कोशिश आत्मघाती साबित हुई। उन्हें इस वाकये के बाद सचिन से व्यक्तिगत तौर पर माफी मांगनी पड़ी।

सचिन के सवाल का नहीं था सकलैन के पास जवाब
सकलैन ने सचिन के 47वें जन्मदिन के अवसर पर पीटीआई से बात करते हुए ये किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा,  ये वाकया हुआ तब मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नया था। संभवत: सहारा कप के 1997 के संस्करण था और मैंने सचिन के खिलाफ स्लेजिंग की। लेकिन इसके बाद सचिन खामोशी के साथ मेरे पास आए और कहा मैंने कभी आपके साथ दुर्व्यहार किया क्या? तो आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो? उनके ऐसा कहने के बाद मुझे शर्म महसूस हुई और मेरी समझ में नहीं आया कि उनसे क्या कहूं।'

मैच के बाद मांगी माफी
सकलैन ने आगे कहा, सचिन ने मुझसे कहा मैं एक व्यक्ति और खिलाड़ी के रूप में आपका बहुत सम्मान करता हूं। ऐसे में ये मेरे लिए बेहद शर्मनाक पल था इसके बाद मैंने सचिन के खिलाफ कभी स्लेजिंग नहीं की। मैं शाम को मैच के बाद उनके पास गया और माफी मांगी।' पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज ने आगे बताया, इस घटना के बाद सचिन ने जब कभी मेरी धुनाई की मैंने उनके खिलाफ स्लेजिंग नहीं की। 

चेन्नई टेस्ट के दौरान नहीं की स्लेजिंग
सहारा कप के बाद सचिन और सकलैन के बीच सबसे कड़ी जंग चेन्नई में 1999 में हुई। 10 साल लंबे अंतराल के बाद भारत दौरे पर आई पाकिस्तानी टीम ने मेजबान टीम को उसके घर पर कड़ी चुनौती दी। चेन्नई में पीठ में दर्द के बावजूद सचिन ने 136 रनों की शानदार पारी खेली थी लेकिन सकलैन की गेंद पर आउट होते ही टीम इंडिया धराशाई हो गई और 12 रन के अंतर से मैच गंवा दिया। इस मैच की दोनों पारियों में सचिन सकलैन का शिकार बने थे। 

उस मैच में भगवान हमारे साथ था 
सकलैन ने उस ऐतिहासिक मैच को याद करते हुए कहा, उस मैच के दौरान मैदान पर हमारे बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हुई। हम दोनों ही अपने खेल पर ध्यान दे रहे थे और दोनों का लक्ष्य जीत हासिल करना था। उस मैच के चौथे दिन हमने अपना दिल और जान दोनों दांव पर लगा दी थी।

दूसरा की खोज करने वाले 43 वर्षीय पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, मैं खुल का सौभाग्यशाली मानता हूं कि सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट करियर और उस मैच में मेरा नाम जुड़ा है। उस दिन दोनों टीमों के बीच अंतर यह था कि भगवान हमारे साथ था। नहीं तो जिस तरह वो खेल रहे थे वो अविश्वसनीय था। गेंद रिवर्स स्विंग हो रही थी और बड़े आत्मविश्वास के साथ वसीम अकरम का सामना कर रहे थे.  

बहुत पैनी थी सचिन की निगाह, पहले से पढ़ लेते थे गेंद
पाकिस्तान के लिए 49 टेस्ट और 169 वनडे खेलने वाले सकलैन से सचिन के साथ प्रतिस्पर्धा का आकलन करने को कहा तो उन्होंने कहा कि ये फिफ्टी-फिफ्टी रही। मैंने उन्हें कई बार आउट किया और उन्होंने भी मेरी धुनाई की। चेन्नई टेस्ट के चौथे दिन उन्होंने जिस तरह मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा था तब ऐसा लग रहा था कि हम दोनों के बीच दंगल चल रहा था। 

सकलैन की 'दूसरा' को पढ़ने में भले ही दुनिया के अन्य बल्लेबाज असफल रहे लेकिन सचिन उनके ब्रह्मास्त्र को पढ़ने में सहज थे। इस बारे में सकलैन ने कहा, उनकी पैनी नजर गॉडगिफ्टेड है। हर बल्लेबाज चीजों को अलग तरह से देखता है। कुछ दूसरों की तुलना में तेजी से गेंद को समझ लेते हैं। लेकिन सचिन की नजर बहुत पैनी थी। कई बार ऐसा हुआ कि मैं गेंदबाजी के लिए तैयार हूं और सचिन को पहले से मालूम होता था कि मैं कौन सी गेंद फेंकने वाला हूं। ये दूसरा होगी या पारंपरिक ऑफ स्पिन। उनका फुटवर्क बेहद शानदार था। राहुल द्रविड़ और अजहर का भी बेहतरीन फुटवर्क था।'

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