- जब शेन वॉर्न ने फेंकी 'शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गेंद'
- आज दुनिया उसे 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' के नाम से भी जानती है
- एशेज टेस्ट में माइक गैटिंग को बनाया था अपना शिकार
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट जिन गेंदबाजों के नाम दर्ज हैं, वो स्पिनर ही हैं। इनमें सबसे ऊपर जिन दो गेंदबाजों का नाम आता है, वो हैं- श्रीलंका के महान पूर्व ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीथरन और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न। मुरलीथरन ने जहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1347 विकेट लिए, वहीं शेन वॉर्न ने 1001 विकेट चटकाए। इन दोनों के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोई भी हजार विकेट का आंकड़ा नहीं पार कर सका है। इन दोनों महान स्पिनर्स ने कई यादगार गेंदें फेंकी लेकिन एक गेंद जो सबसे हटकर साबित हुई, वो शेन वॉर्न की थी और तारीख भी आज की थी।
बात आज से ठीक 28 साल पुरानी है जब 4 जून 1993 को शेन वॉर्न ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रतिष्ठित एशेज सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। छह टेस्ट मैचों की उस लंबी सीरीज का पहला टेस्ट मैच ओल्ड ट्रैफर्ड (मैनचेस्टर) में खेला जाना था। मैच की शुरुआत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए की और वे इस पारी में 289 रन पर सिमट गए।
पहली ही गेंद पर किया कमाल
जब इंग्लैंड की टीम जवाब देने उतरी तो 71 रन के स्कोर पर वो अपना पहला विकेट गंवा चुके थे। इसके बाद तीसरे नंबर पर माइक गैटिंग बल्लेबाजी करने आए। माइक गैटिंग 11 गेंदें खेलकर 4 रन बना चुके थे। तभी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ऐलन बॉर्डर ने शेन वॉर्न को गेंद थमाई। वॉर्न अब अपने टेस्ट करियर में इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी करने को तैयार थे, ये उनकी पहली एशेज सीरीज थी। वॉर्न ने आते ही एक गेंद ऑफ स्टंप पर फेंकी लेकिन गेंद ने बेहद तेज रफ्तार से फिरकी लेते हुए ऑफ स्टंप उड़ा दिया। माइक गैटिंग को भी भरोसा नहीं हो रहा था कि आखिर हुआ क्या। शेन वॉर्न ने अपने एशेज करियर की पहली ही गेंद पर कमाल कर दिया था और अब ना इस गेंद को इंग्लैंड कभी भूलने वाला था और ना दुनिया भर के क्रिकेट फैंस।
ये है उस शानदार गेंद का वीडियो
वॉर्न ने सालों बाद खुद इस गेंद से जुड़ा खुलासा किया- 'वो तुक्का था'
शेन वॉर्न उन खिलाड़ियों में शुमार रहे जो बहुत बेबाक थे। इसी वजह से वो कई बार विवादों में भी रहे और कई बार बयानों में बेबाकी को फैंस ने पसंद भी किया। शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गेंद के बारे में उनका एक पुराना इंटरव्यू आईसीसी ने पिछले साल ट्वीट किया था, जिसमें वॉर्न ने खुलासा किया था कि वो गेंद सिर्फ एक तुक्का थी। उन्होंने कहा, "वो शताब्दी की बेस्ट गेंद एक तुक्का था। वाकई, मैंने करियर में दोबारा कभी वैसा नहीं किया। शायद वो होना लिखा था। कोई भी लेग स्पिनर हमेशा एक शानदार लेग स्पिन डिलिवरी डालना चाहता है। लेकिन उस एक गेंद ने मेरी दुनिया बदल डाली, मैदान के अंदर ही नहीं, बल्कि मैदान के बाहर भी। वो एक शानदार पल इसलिए भी था क्योंकि माइक गैटिंग इंग्लैंड के उन बल्लेबाजों में से थे जो स्पिनर्स को बेहतरीन तरह से खेलने की काबीलियत रखते थे।"
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का कोई भी क्रिकेटर हो, वो अपने करियर में एशेज क्रिकेट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करना ही चाहता है। शेन वॉर्न के ये आंकड़े ही काफी कुछ बताने के लिए काफी थे कि इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 36 मैचों में 195 विकेट हासिल किए थे। शेन वॉर्न ने अपने 1001 अंतरराष्ट्रीय विकेटों में वनडे प्रारूप में 293 विकेट झटके जबकि टेस्ट क्रिकेट में 708 शिकार किए। शेन वॉर्न और विवादों का हमेशा नाता रहा और इसके लिए कई बार उनकी आलोचना हुई लेकिन फिर भी वो क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर के रूप में जाने जाते हैं और उनकी यादें आज भी फैंस के दिलों में बसी हुई हैं।