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शेन बॉन्ड ने बताया वनडे सीरीज में क्यों असफल साबित हुए जसप्रीत बुमराह   

Updated Feb 19, 2020 | 09:21 IST

जसप्रीत बुमराह न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में एक भी विकेट हासिल नहीं कर सके। ऐसे में मुंबई इंडियन्स के बॉलिंग कोच शेन बॉन्ड ने इसकी वजह बताई है।

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Shane bond and Jasprit bumrah( BCCI)

वेलिंगटन: न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड ने कहा कि उनकी टीम ने जिस तरह से भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का पारंपरिक तरीके से सामना किया उससे दूसरी टीमें सीख लेंगी। बुमराह न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में एक भी विकेट नहीं ले सके थे। श्रृंखला में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहने पर बुमराह को आलोचना का सामना करना पड़ा लेकिन बॉन्ड ने उनका बचाव किया।

बॉन्ड ने पीटीआई को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, 'जब आपके पास जसप्रीत बुमराह की तरह का गेंदबाज हो तो जाहिर है उससे काफी उम्मीदें होंगी।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड ने उन्हें खतरा माना और उनका सामना सही तरीके से किया। उन्होंने उसका सामना पारंपरिक तरीके से किया। उनके(बुमराह) साथ टीम में अनुभवहीन गेंदबाज (नवदीव सैनी और शार्दुल ठाकुर) थे जिसका फायदा न्यूजीलैंड को हुआ। अब हर टीम उन्हें खतरे की तरह देखेगी और दूसरे गेंदबाज के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएंगी।'

बॉन्ड ने हालांकि कहा कि भारतीय टीम श्रृंखला 0-3 से हार गयी लेकिन बुमराह की गेंदबाजी बुरी नहीं थी। उन्होंने कहा, 'आप मैच में अच्छा करना चाहते हैं। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन कई बार आपको विकेट नहीं मिलता।'

आईपीएल में मुंबई इंडियन्स के गेंदबाजी कोच के तौर पर बुमराह के साथ समय बिताने वाले बांड ने कहा कि यह भारतीय गेंदबाज दो टेस्ट की आगामी श्रृंखला में 'काफी प्रभाव' डालेगा। उन्होंने कहा, 'जब आप खराब प्रदर्शन से वापसी करते हैं तब लय हासिल करना हमेशा मुश्किल होता है। उसे इस श्रृंखला से पहले ज्याद मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला। न्यूजीलैंड ने एकदिवसीय श्रृंखला में अच्छे से उसका सामना किया लेकिन टेस्ट मैचों में उनका काफी प्रभाव होगा। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है।'

न्यूजीलैंड को उनके घरेलू मैदान में हराना काफी मुश्किल होता है और बॉन्ड को उम्मीद है कि विलियमसन पांच तेज गेंदबाजों के साथ मैच में जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'न्यूजीलैंड की विकेट के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि यहां गेंद स्पिन नहीं होती है। जो भी टॉस जीतता है वह पहले गेंदबाजी करना चाहता है क्योंकि पहले दिन पिच से सबसे ज्यादा मदद मिलती है। अगर न्यूजीलैंड की टीम बिना किसी स्पिनर के मैच में उतरे तो भी मुझे आश्चर्य नहीं होगा। मैं भी स्पिनर को टीम में नहीं रखना चाहूंगा क्योंकि उसका काम सिर्फ रनगति पर अंकुश लगाना होता है।'


 

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