- युवराज सिंह ने 2002 नेटवेस्ट फाइनल में 69 रन की पारी खेली थी
- युवराज ने मोहम्मद कैफ के साथ छठे विकेट के लिए 121 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की थी
- सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी जर्सी उतारकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने 2002 नेटवेस्ट सीरीज फाइनल को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। आपको याद होगा कि सौरव गांगुली के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2002 में नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में इंग्लैंड को मात देकर इतिहास रचा था। फिर लॉर्ड्स की बालकनी में सौरव गांगुली ने अपनी जर्सी उतारकर लहराई थी, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में आइकोनिक पल बन गया। युवी ने खुलासा किया कि उन्होंने सौरव गांगुली जैसी हरकत उसी समय की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
टीम इंडिया की जीत के अहम सूत्रधार रहे युवराज ने इंडिया टुडे से बातचीत में खुलासा किया कि उन्होंने भी सौरव गांगुली के समान अपनी जर्सी उतारी थी, लेकिन युवी ने नीचे सफेद टी-शर्ट पहनी थी, जिसकी वजह से उन पर किसी का ध्यान नहीं गया। वहीं गांगुली अपनी जर्सी लहराने के लिए काफी लोकप्रिय हुए थे। युवराज ने कहा, 'मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी थी, लेकिन मैंने नीचे सफेद टी-शर्ट भी पहनी थी क्योंकि इंग्लैंड में ठंड का समय था। किसी ने ध्यान नहीं दिया, तो मैं सुरक्षित रहा।'
धाकड़ पारी
युवराज सिंह ने 2002 नेटवेस्ट फाइनल में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 63 गेंदों में 69 रन की पारी खेली थी। युवी ने छठे विकेट के लिए मोहम्मद कैफ के साथ 121 रन की महत्वपूर्ण शतकीय साझेदारी करके भारतीय टीम की मैच में वापसी कराई थी।
युवराज ने कहा, 'हम 2002 नेटवेस्ट फाइनल से पहले करीब 9 से 10 फाइनल हार चुके थे और विदेशी दौरे पर हमारी इज्जत अच्छी नहीं थी। हम टीम में नए थे और सौरव गांगुली से हमें काफी प्रोत्साहन मिलता था। इंग्लैंड के 325 रन बनाने के बाद हमारी स्थिति अच्छी नहीं थी। उस समय इस तरह के लक्ष्य का पीछा करना भी काफी मुश्किल होता था। हमें अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन जब सचिन तेंदुलकर आउट हुए तो मुझे याद है कि इंग्लैंड के खिलाड़ी ऐसे जश्न मना रहे थे, जैसे मैच जीत गए हो।'
युवराज ने आगे कहा, 'आधे दर्शक घर लौट चुके थे, ज्यादातर भारतीय फैंस थे। फिर मोहम्मद कैफ आया। हमने एक-दूसरे को कहा, हां खेलेंगे। हम अच्छे से रन दौड़ रहे थे क्योंकि हमने साथ में अंडर-19 क्रिकेट खेली थी। हम गेंद पर अच्छे से प्रहार कर रहे थे। मैं हम दोनों के बीच ज्यादा आक्रामक होकर खेल रहा था। मेरे आउट होने के बाद कैफ ने जिम्मेदारी संभाली। यह संभवत: उनके करियर की सबसे शानदार पारी है। मेरे भी करियर की यह सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। अगर मेरा दिमाग चलता तो शायद मैं शतक बनाता।'