- युवराज सिंह ने जून 2019 में संन्यास की घोषणा की
- युवराज सिंह ने 2017 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था
- युवी की मां ने कहा कि उनके बेटे को पहले ही एहसास हो चुका था कि संन्यास का समय आ गया है
नई दिल्ली: युवराज सिंह को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आधिकारिक संन्यास लिए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उनकी मां शबनम सिंह का कहना है कि उनके बेटे को पूर्व खिलाड़ी बनने का एहसास काफी पहले ही हो गया था। 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 विश्व कप में भारत की खिताबी जीत के हीरो युवराज सिंह ने इस साल जून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2017 में खेला था।
शबनम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, 'यह बदलाव करीब एक से डेढ़ साल पहले आने लगा था और युवराज जानता था कि उसे यह स्वीकार करना होगा। ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है, जो इससे दूर भाग सके। युवराज को कई चीजें करनी है, जैसे चैरिटी फाउंडेशन, अन्य खेल, फैशन आदि। इसलिए उसके लिए स्विच करना आसान हो गया था क्योंकि वह इसके लिए तैयार था।'
युवराज की मां ने आगे कहा, 'युवराज सिंह अब काफी आराम में है, काफी खुश है। वह दूसरे गेम्स खेल रहा है। वह अब टेनिस खेलता है, गोल्फ में हाथ आजमा रहा है। वह अब अपने मन की कर रहा है। युवराज अब काफी रिलेक्स्ड है और मैं उसके लिए बहुत खुश हूं।' संन्यास के बाद से युवराज सिंह दुनियाभर की फ्रेंचाइजी आधारित लीग में हिस्सा ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अबुधाबी में टी10 लीग में हिस्सा लिया था।
37 साल के युवराज ने उम्र का असर शरीर पर पड़ने के बारे में खुलकर बात की थी। दरअसल, युवराज पीठ दर्द के कारण एक मैच से बाहर हो गए थे। इसके बाद उन्होंने कहा था, 'मुझे आज पीठ दर्द था, इसलिए मेरा शरीर ज्यादा मैदान में अपने आप को झोंक नहीं पा रहा था। मेरे ख्याल से मानसिक रूप से मैं युवा हूं, लेकिन शरीर कह रहा है कि आराम से। उम्मीद करता हूं कि अगले मैच के लिए फिट हो जाऊं।'
शबनम ने कहा कि युवराज सिंह ज्यादा खेलना चाहता था, लेकिन उसे संन्यास के बारे में जानकारी रखना थी। उन्होंने कहा, 'हर क्रिकेटर के साथ ऐसा होता है। इसमें कुछ अलग नहीं है। युवराज भी आगे खेलना चाहता था, लेकिन शरीर का ख्याल भी रखना जरूरी है। उसने इस बात को स्वीकार किया और खुशी-खुशी आगे बढ़ गया।'