- श्रेयस अय्यर और केएल राहुल ने मिलकर तीन वनडे में 421 रन बनाए
- शेष भारतीय टीम के बल्लेबाज कुल मिलाकर 423 रन बना सके
- राहुल और अय्यर ने भारतीय मिडिल ऑर्डर की समस्या सुलझा दी है
माउंट मॉनगनुई: एक ऐसा समय था जब भारतीय बल्लेबाजी क्रम का कहर उसकी गहराई से पता चलता था। भारतीय टीम का शीर्ष क्रम हमेशा से मजबूत रहा, जिसमें कई दिग्गज नाम शामिल रहे। मिडिल ऑर्डर में राहुल द्रविड़, युवराज सिंह और एमएस धोनी जैसे धाकड़ नाम शामिल रहे। मगर पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर लड़खड़ाता दिखा है। इसमें कई खिलाड़ियों को आजमाया गया, लेकिन 2019 विश्व कप तक यह समस्या जारी रही। इस पर कोई बल्लेबाज खरा नहीं उतरा।
न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज ने टीम इंडिया और उसके फैंस के सभी सवालों के जवाब दे दिए। भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर की समस्या सुलझती हुई दिखी। इस बार टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर लड़खड़ाया तो मिडिल ऑर्डर के दो बल्लेबाजों ने पूरी जिम्मेदारी उठाई। पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल की जोड़ी ने कुल मिलाकर 120 रन बनाए। कप्तान विराट कोहली सिर्फ 75 रन ही बना सके।
इस मौके पर केएल राहुल और श्रेयस अय्यर खड़े हुए। राहुल ने 102 की शानदार औसत और एक शतक व एक अर्धशतक के दम पर 202 रन बनाए। राहुल इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज रहे। वहीं श्रेयस अय्यर ने इस सीरीज में 217 रन बनाए और वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज रहे। मुंबई के बल्लेबाज ने 72.33 की औसत रखते हुए सीरीज में एक शतक जबकि दो अर्धशतक जमाए।
अप्रैल 2016 के बाद से भारत ने 13 खिलाड़ियों को नंबर-4 पर आजमाया। इन सभी ने मिलकर 91 पारियों खेली। इन 13 खिलाड़ियों ने मिलकर 35.14 की औसत से रन बनाए, जिसमें तीन शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं श्रेयस अय्यर ने अपनी 8 पारियों में नंबर-4 पर 56.85 से रन बनाए। इस दौरान अय्यर ने एक शतक और चार अर्धशतक जमाए। वह अन्य 13 बल्लेबाजों की तुलना में सबसे बेहतर साबित हुए।
2007 के बाद पहली बार भारतीय टीम दो शतकीय साझेदारी करने में कामयाब हुई। इसमें नंबर-4 और नंबर-5 की भूमिका अहम रही। युवराज सिंह और एमएस धोनी ने 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद श्रेयस अय्यर और केएल राहुल ने मंगलवार को यह कमाल दोहराया। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में राहुल और अय्यर ने मिलकर 421 रन बनाए जबकि भारतीय टीम के अन्य बल्लेबाजों ने मिलकर 423 रन बनाए।
शायद अब समय आ गया है जब 34 साल के केदार जाधव के भविष्य पर फैसला लिया जा सके। जाधव चोट के कारण टीम के अंदर और बाहर होते गए, लेकिन जब भी वह टीम का हिस्सा रहे तो प्लेइंग इलेवन में मौका जरूर मिला। मनीष पांडे ने ज्यादातर बेंच गर्म की। जाधव ने पहले दो मैचों में 35 रन बनाए जबकि पांडे ने मौका पाते ही 42 रन की पारी खेली और केएल राहुल के साथ 107 रन की साझेदारी की।
यह बात साफ है कि अगर केएल राहुल, श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे को लगातार मौके मिलते हैं तो भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर बेहद मजबूत हो सकता है।