- 1983 में भारत को विश्व चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव को दिल का दौरा पड़ा है
- दिल्ली के एक निजि अस्पताल में उनके एन्जियोप्लास्टी की गई है
- रिपोर्ट्स के मुताबिक अब उनकी हालत स्थिर है
नई दिल्ली: हरियाणा हरिकेन के नाम से दुनियाभर में विख्यात टीम इंडिया के पूर्व विश्व विजेता कप्तान कपिल देव को दिल का दौरा पड़ा है और इसके बाद दिल्ली के फोर्टिस-एस्कॉर्ट अस्पताल में उनकी एन्जियोप्लास्टी की कई है। 23 अक्टूबर की दोपहर को सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था। इसके बाद आपातकालीन स्थिति में उनकी एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया गया। अब खबर आ रही है कि उनकी हालत स्थिर है। आईपीएल 2020 के दौरान एक टीवी चैनल में नियमित तौर पर बतौर गेस्ट नजर आ रहे थे और ऐसे में अचानक ऐसा हो गया है।
अस्पताल ने बताया कैसी है तबीयत
फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल द्वारा कपिल देव के बारे में बयान जारी करते हुए कहा, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव 23 अक्टूबर को अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में एक बजे दिखाने आए थे। उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी। इसके बाद उनकी एमरजेंसी में टेस्ट किए गए और इसके बाद एंजियोप्लास्टी की गई।
अस्पताल के हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अतुल माथुर ने उनकी एंजियोप्लासटी की। फिलहाल कपिल आईसीयू में भर्ती हैं। डॉ माथुर और उनकी टीम करीब से उनपर नजर रखे हुए है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी किए जाने की संभावना है।
61 वर्षीय कपिल देव ने 16 अक्टूबर को अपने अंतरराष्ट्रीय डेब्यू के 42 साल पूरे किए थे। अपने डेब्यू का वीडियो देखने के बाद कपिल देव ने कहा कि पता ही नहीं चला कि 42 साल गुजर गए ऐसा लगता है कि ये कल की ही बात है। कपिल ने पाकिस्तान के खिलाफ 1978 में फैसलाबाद में टेस्ट डेब्यू किया है।
कपिल देव की कप्तानी में ही साल 1983 में भारत ने पहली बार विश्व कप जीता था। इस जीत ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर और तकदीर हमेशा के लिए बदल दी। कपिल देव ने टीम को तब दिलवाई थी जब किसी को इस बात की आशा नहीं थी कि भारतीय टीम विश्व विजेता बन सकती है।
ऐसा रहा कपिल देव का करियर
कपिल देव ने भारत के 16 साल लंबे क्रिकेट करियर में 131 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 5,248 रन बनाने के साथ 434 विकेट लिए। वहीं 225 वनडे मैचों में उन्होंने 3,783 रन बनाए और 253 विकेट झटके। करियर के एक दौर में कपिल के नाम वनडे और टेस्ट दोनों में दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज था। कपिल ने करियर में 275 प्रथम श्रेणी मैच खेले और इस दौरान 11,356 रन बनाने के साथ-साथ 835 विकेट लिए।